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संजीव शेखर की किताब राइड एबव द क्लाउड्स का विमोचन, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज व पद्मश्री दीपिका कुमारी ने की सराहना

अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दीपिका कुमारी ने इस किताब पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि अगर विचार के पैटर्न में थोड़ा सा बदलाव होता है और मानसिकता में थोड़ा निराशावाद का प्रवेश होता है, तो ऐसी स्थिति में चीजें पूरी तरह से अलग मोड़ ले लेती हैं.

रांची: खेल, जीवन का एक तरीका हो सकता है. यह टीम के साथियों के बीच प्यार और स्नेह का एक ऐसा मजबूत बंधन बनाता है, जो शर्त, स्वार्थ और अहंकार से ऊपर होता है. लेखक संजीव शेखर ने अपनी किताब राइड एबव द क्लाउड्स में टीम वर्क और जुनून को उजागर किया है, जो एक खिलाड़ी किसी खेल को खेलते समय रखता है. साइकिल चलाना व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ना सिखाता है. इस किताब को पढ़ते हुए एक समय ऐसा आता है जब इस पुस्तक में साइकिल चालक अपना आत्मविश्वास खो देते हैं और पीछे हटने का निर्णय लेते हैं.

अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दीपिका कुमारी ने इस किताब पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि अगर विचार के पैटर्न में थोड़ा सा बदलाव होता है और मानसिकता में थोड़ा निराशावाद का प्रवेश होता है, तो ऐसी स्थिति में चीजें पूरी तरह से अलग मोड़ ले लेती हैं. दीपिका ने बताया कि लेखक संजीव शेखर ने किताब के रूप में इस कहानी लिखकर अच्छा काम किया है ताकि इसे सभी आयु वर्ग के लोग पढ़ सकें और समझ सकें. यहां तक कि खेल-कूद में रुचि रखने वाले बच्चे भी इस किताब का आनंद ले सकते हैं. मुझे खेल से संबंधित गतिविधियों को किताब में बदलने के लिए लेखक के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए. यह बेहतरीन विचार है. अन्य खेलों की गतिविधियों पर आधारित इस तरह की कहानियां या किताबें हमारे सामने और भी आने चाहिए. पुस्तक लोकार्पण समारोह की शुरुआत वंदना खेमका के संचालन में सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर की गई. साइकिल दोस्त के संस्थापक सदस्यों ने मुख्य अतिथि पद्मश्री दीपिका कुमारी और विशिष्ट अतिथि मुरारी लाल मीणा को स्मृति चिन्ह भेंट किया.

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुरारी लाल मीणा ने बताया कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए साइकिल दोस्तों की कहानी दोस्ती, बंधन और एक-दूसरे के लिए आपसी सम्मान के मामले में बहुत बड़ी सीख दे रही है. यह आवश्यक है कि आप जिस लक्ष्य या उद्देश्य के लिए प्रयास कर रहे हैं, उसे प्राप्त करने में मित्रों का लगातार प्रोत्साहन मिलता रहे. उन्होंने यह भी कहा कि मैं पिछले कुछ वर्षों से साइकिल दोस्त का हिस्सा रहा हूं और मुझे कहना होगा कि यह समूह अद्भुत है जिसने अपने धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ मिशन को प्राप्त किया है. मैं इस तरह की घटना को एक कहानी में बदलने के लिए लेखक की भी सराहना करता हूं. यह किताब सूचना और मनोरंजन का एक अच्छा संयोजन है.

साइकिल दोस्त के सदस्य गणेश रेड्डी, राजीव रंजन त्रिपाठी, संचित प्रसाद, विनय विभाकर, कमल बिट्टू, डॉ उदीप लाल और निपुण जैन ने अपनी यादगार यात्रा के बारे में बताया और अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने अपने 10 दिन के हिमालय की अपनी इस साइकिल यात्रा की चुनौतियों के बारे में बताया. सकारात्मक विचारों, जुनून और उनके सपने को हासिल करने के दृढ़ संकल्प की चर्चा की तथा यात्रा के रोमांच, अनछुए पहलुओं को आनंद के बारे में बताया. लेखक संजीव शेखर ने समारोह में आये सभी अतिथियों का स्वागत किया और पुस्तक की दिलचस्प घटनाओं के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि एक लेखक के रूप में यह किताब लिखने में उन्हें कितना आनंद आया. पुस्तक लिखने की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली, इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला.

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