रिम्स : 928 की जगह 320 नर्सों और 300 की जगह 175 चिकित्सकों से चल रहा काम

हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद रिम्स प्रबंधन ने उपकरण और मैनपावर की कमी के साथ अव्यवस्था से संबंधित रिपोर्ट तैयार की है. पांच बिंदुओं को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2024 12:58 AM

राजीव पांडेय (रांची).

हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद रिम्स प्रबंधन ने उपकरण और मैनपावर की कमी के साथ अव्यवस्था से संबंधित रिपोर्ट तैयार की है. पांच बिंदुओं को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. मरीजों की भीड़ का तुलनात्मक अध्ययन करने से पता चला है कि जरूरी उपकरण और मैनपावर की काफी कमी है. सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की कमी है. सीनियर डॉक्टर की आवश्यकता 300 की है जबकि उपलब्ध मुश्किल से 175 हैं. सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की जरूरत 100 की है, जबकि उपलब्ध 75 हैं. वहीं, नर्सों के 928 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 320 कार्य कर रही हैं. आउटसोर्सिंग पर 80 से 100 नर्स को रखकर काम चलाया जा रहा है. वहीं, रिम्स की व्यवस्था संभालने के लिए एडिमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, ज्वाइंट डायरेक्टर, विजिलेंस ऑफिसर, फाइनेंस कंट्रोलर, एकाउंटर ऑफिसर सहित 48 ऑफिस पदाधिकारियों की जरूरत है. एक सीनियर डॉक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सबसे ज्यादा जरूरत असिस्टेंट प्रोफेसर की है, लेकिन इनकी जगह सीधे प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति कर दी जाती है. इस कारण असिस्टेंट प्रोफेसर का पद रिक्त रह जाता है. जानकारी के अनुसार, हाइकोर्ट में पीआइएल की सुनवाई के दौरान रिम्स निदेशक को विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. इसी आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. रिम्स द्वारा हर स्तर पर सुधार की कार्ययोजना बनायी गयी है, जिससे कोर्ट को संतुष्ट किया जा सके.

एमआरआइ मशीन है ही नहीं, वेंटिलेटर कम, जो हैं वह भी खराब :

रिम्स में सबसे खराब स्थिति रेडियोलॉजी विभाग में मशीनों की है. एमआरआइ मशीन रिम्स के पास नहीं है. जबकि दो एमआरआइ मशीन की अति आवश्यकता है. वहीं, मेडिसिन और शिशु विभाग में वेंटिलेटर भी बहुत कम है. शिशु विभाग में पांच वेंटिलेटर है, लेकिन तीन चालू है और दो खराब है. जबकि यहां 10 वेंटिलेटर की मांग की गयी है. मेडिसिन और सर्जरी विभाग के आइसीयू में 20 वेंटिलेटर की जरूरत है, जबकि चार उपलब्ध है. जाे है वह भी खराब अवस्था में है. आइसीयू में अधिकांश मॉनिटर खराब है. यहां 50 मॉनिटर की जरूरत है. एक मोबाइल एक्सरे उपलब्ध है, जबकि पांच की जरूरत है. अधिकांश विभागों में सीआर्म मशीन खराब है. इसके अलावा 10 नयी सीआर्म मशीन की जरूरत है. वहीं पांच एबीजी मशीन, 20 एनेस्थिसिया वर्क स्टेशन की तत्काल आवश्यकता है. इन मशीनों को चलाने के लिए टेक्नीशियन की नियुक्ति भी करनी होगी. इस संबंध में रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा कि रिम्स में मरीजों की भीड़ पहले से बढ़ी है, लेकिन मैनपावर और उपकरण पुरानी व्यवस्था के हिसाब से हैं. विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी है, जिसे सरकार और हाइकोर्ट के समक्ष रखा जायेगा. फिलहाल की गयी तब्दीली और आगे की कार्ययोजना की जानकारी भी दी जायेगी.

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