रिम्स की लापरवाही से हुई थी गर्भवती की मौत, लगा जुर्माना
रिम्स में 22 अगस्त 2017 को समय पर खून नहीं चढ़ाने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी थी. इस मामले में संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 17 मार्च 2020 को राज्य सरकार को शो-कॉज जारी किया था
रांची : रिम्स में 22 अगस्त 2017 को समय पर खून नहीं चढ़ाने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी थी. इस मामले में संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 17 मार्च 2020 को राज्य सरकार को शो-कॉज जारी किया था. साथ ही मृतका के परिजन को एक लाख रुपये मुआवजा देने और दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है. आयोग ने यह माना है कि मरीज की देखरेख में रिम्स प्रबंधन ने लापरवाही बरती.
गर्भवती की मौत के लिए अस्पताल के वे पदाधिकारी और कर्मचारी दोषी हैं, जो उसे समय पर खून उपलब्ध नहीं करा पाये. मामले में स्वास्थ्य विभाग ने 18 जून को रिम्स प्रबंधन को पत्र भेजकर तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है. आयोग द्वारा से राज्य सरकार को भेजे गये शो-कॉज में लिखा गया है कि आयोग के समक्ष 24 अगस्त 2017 को शिकायतवाद दायर किया गया था.
उसमें कहा गया था कि रिम्स में भर्ती गर्भवती रूनी देवी की मौत खून की कमी से हो गयी थी. आयोग ने इस मामले की जांच मेडिकल एक्सपर्ट से करायी है. इसमें पाया गया कि गर्भवती महिला एनीमिया से पीड़ित थी. 19 अगस्त 2017 को करायी गयी प्रारंभिक जांच में उसका हीमोग्लोबिन चार पाया गया था. 22 अगस्त 2017 को महिला को रिम्स लाया गया. यहां मेडिकल इमरजेंसी के तहत उसे तत्काल खून चढ़ाने की अनुशंसा की गयी थी. ब्लड बैंक में पर्ची भेजने में 4:30 घंटे लग गये और अंत में मरीज की मौत हो गयी.
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2017 का मामला, परिजन को एक लाख देने का आदेश
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एनीमिया से पीड़ित थी महिला, समय पर खून नहीं चढ़ाने से हुई मौत
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मानवाधिकार आयोग ने पीड़ित परिजन को एक लाख मुआवजा देने का दिया आदेश
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स्वास्थ्य विभाग ने 18 जून को रिम्स प्रबंधन को भेजा पत्र, मांगा जवाब
Posted by : Pritish Sahay