डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआइ) ने रिम्स डेंटल कॉलेज के बीडीएस कोर्स को स्थायी मान्यता दे दी है. कोर्स को मान्यता प्रदान करने से संबंधित आदेश डीसीआइ द्वारा दो दिन पूर्व रिम्स और डेंटल कॉलेज प्रबंधन को उपलब्ध करा दिया गया है. बुधवार को रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि मान्यता नहीं होने से हर साल बीडीएस में दाखिले के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
रिम्स के लिए यह गर्व की बात है. इसके लिए डेंटल कॉलेज के सभी शिक्षक, पूर्व डीन डॉ एनएन सिंह और पूर्व प्राचार्य डॉ आशीष जैन का प्रयास सराहनीय है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एम बी जयप्रकाश ने बताया कि डीसीआइ के निरीक्षण से पूर्व परिषद द्वारा तय की गयी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर लिया गया था. कॉलेज में सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गयी हैं. यहां दांत से संबंधित सभी बीमारी का इलाज किया जा रहा है. इलाज न्यूनतम दर पर की जा रही है.
रिम्स डेंटल कॉलेज के ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार में निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि निजी प्रैक्टिस से पैसा जरूर कमाया जा सकता है, लेकिन चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल नहीं की जा सकती है. ऐसे में डॉक्टरों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए.
उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर कड़ी मेहनत करने की सलाह दी. विद्यार्थियों को कहा कि अलग कुछ अलग करना है, तो अलग सोचना भी होगा, क्योंकि चुनौतियां अभी बहुत हैं. सेमिनार के समापन पर लेजर तकनीक के हैंड्स ऑन प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया.