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रिम्स में रक्तवीरों को मिला सम्मान, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह बोले-जल्द शुरू होगी ब्लड स्टोरेज यूनिट

रिम्स निदेशक प्रो डॉ राजीव कुमार गुप्ता कहा कि रिम्स ब्लड बैंक में जितने रक्त की आवश्यकता होती है, उतना रक्तदान नहीं होता है. इसकी वजह से रक्त की कमी होती है और लोगों को परेशानी होती है.

रांची: रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) द्वारा शुक्रवार को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजनकर्त्ताओं को सम्मानित किया गया. अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने शिविर आयोजनकर्त्ताओं के उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इसमें कई संस्थाएं रक्तदान शिविर का आयोजन करने को लेकर सम्मानित की गयीं. कार्यक्रम में उपस्थित रक्तवीरों को नमन करते हुए श्री सिंह ने कहा कि रक्त की आवश्यकता हमेशा होती है. ऐसे में लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है. विभागीय स्तर पर हमारी कोशिश होगी की रक्तदान अभियान राज्यभर में चले. ग्रामीण क्षेत्रों में रक्त की आवश्यकता को देखते हुए श्री सिंह ने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट की शुरुआत जल्द की जाएगी. आपको बता दें कि रिम्स रक्तदान केन्द्र में सालाना करीब 30,500 से 32,000 यूनिट रक्त संग्रह किया जाता है एवं करीब 54,000 से 56,000 यूनिट रक्त और इसके Component की आपूर्ति की जाती है, जिसमें 4500 से 5000 यूनिट Blood Voluntary Blood Donation Camp के द्वारा एकत्र किया जाता है.

और अधिक रक्तदान शिविर लगाने की है जरूरत

रिम्स के प्रभारी निदेशक प्रो डॉ राजीव कुमार गुप्ता कहा कि रिम्स ब्लड बैंक में जितने रक्त की आवश्यकता होती है, उतना रक्तदान नहीं होता है. इसकी वजह से रक्त की कमी होती है और लोगों को परेशानी होती है. इसलिए ज्यादा रक्तदान शिविर लगाने और जागरूकता लाने की आवश्यकता है. रिम्स प्रबंधन की ओर से व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है. सम्मान समारोह में रिम्स के डीन डॉ विद्यापति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन्द्र बिरुआ, उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, JSCA के उपाध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, कांग्रेस नेता संजय पांडेय समेत अन्य मौजूद थे.

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रक्तदान शिविरों के आयोजन में है आयोजकों का बड़ा योगदान

रिम्स रक्तदान केन्द्र में सालाना करीब 30,500 से 32,000 यूनिट रक्त संग्रह किया जाता है एवं करीब 54,000 से 56,000 यूनिट रक्त और इसके Component की आपूर्ति की जाती है, जिसमें 4500 से 5000 यूनिट Blood Voluntary Blood Donation Camp के द्वारा एकत्र किया जाता है. रक्त केंन्द्र से तकरीबन 15 से 20 यूनिट मुफ्त रक्त बिना Replacement के दिया जाता है. समय पर गंभीर मरीजों को डोनर नहीं उपलब्ध होने की स्थिति में अप्रिय घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में स्वैच्छिक रक्तदाताओं के द्वारा संग्रहित रक्त से ही उनकी जान बचाई जाती है. स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के आयोजन में आयोजकों का बहुत बड़ा योगदान रहता है.

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इन्हें किया गया सम्मानित

रिम्स में आयोजित कार्यक्रम में इन्हें सम्मानित किया गया.

1. कनेक्टिंग होप अन्नदान ने 1552 यूनिट से रक्त केंन्द्र, रिम्स को मदद की.

2. मानवाधिकार, खलारी, सुदूर ग्रामीण इलाके से 433 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदान कराया.

3. NGO रक्तदान एक पहचान ने 371 यूनिट का सहयोग किया.

4. NGO प्रन्यास के द्वारा 325 यूनिट का सहयोग किया गया.

5. NGO जिनिया के द्वारा 311 यूनिट का सहयोग किया गया.

6. St. Xavier’s College, Ranchi के द्वारा 301 यूनिट दिया गया.

7. झारखंड STF Jaguar के द्वारा रक्तदान करके 273 यूनिट का सहयोग किया गया.

8. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, रिम्स के द्वारा 235 यूनिट का सहयोग किया गया.

9. झारखंड राय यूनिवर्सिटी के द्वारा 209 यूनिट का सहयोग किया गया.

10. प्रणीता इंस्टीट्यूट ऑफ सांइसेज एवं हरमू अस्पताल के द्वारा 177 यूनिट का सहयोग किया गया.

11. विनोवा भावे यूनिवर्सिटी, हजारीबाग के द्वारा 153 यूनिट का सहयोग किया गया.

12. श्री शनि देव भक्त मंडली, जमशेदपुर के द्वारा 139 यूनिट रक्त दिया गया.

13. VBDA के द्वारा 134 यूनिट का सहयोग दिया गया.

14. पंचायत भवन चांडिल द्वारा 106 यूनिट का सहयोग दिया गया.

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सूरज झंडई को मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट

इस कार्यक्रम में गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी रातू रोड द्वारा संचालित गुरु नानक सेवक जत्था के सूरज झंडई को मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया. सूरज ने कहा कि यह सम्मान पूरे जत्था का है और यह जत्था के हर एक सदस्य की मेहनत और लगन का फल है.

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