Jharkhand News, Ranchi News, Ragging In Rims Ranchi रांची : रिम्स में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद भी सीनियर छात्रों के रवैये में बदलाव नहीं आया है. वे अब भी जूनियर छात्रों को ह्वाट्सएप पर मैसेज भेज कर धमकी दे रहे हैं. मैसेज में अपशब्दों का भी प्रयोग किया गया है. जूनियर को भेजे गये ताजा ह्वाट्सएप चैट में लिखा है- कौन है जाे रैगिंग का कंप्लेन किया है. बॉस लोग बोले हैं कि ठीक नहीं हुआ. बॉस लोग का सहयोग, अब नहीं मिलेगा.
दूसरी ओर, रिम्स प्रबंधन ने शुक्रवार को सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर की रैगिंग किये जाने से इनकार किया. हालांकि, प्रभात खबर के पास वे सारे ह्वाट्सएप चैट हैं, जो रिम्स के हॉस्टल में रैगिंग होने की पुष्टि करते हैं. रिम्स प्रबंधन रैगिंग की ईमानदारी से जांच करे, तो मामला साफ हो जायेगा. इसकी अनदेखी की गयी, तो कहीं कोई बड़ी घटना न हो जाये. इधर, प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद रिम्स एंटी रैगिंग सेल एक्टिव हुआ है. ब्वॉयज और गर्ल्स हॉस्टल में रात में औचक निरीक्षण का निर्देश दिया गया है.
रैगिंग की खबर हॉस्टल से बाहर आने के बाद सीनियर छात्र बौखला गये हैं, वहीं जूनियर छात्र भयभीत हैं, इसलिए सामने आने से कतरा रहे हैं. जूनियर छात्रों का कहना है कि अगर उनका नाम सामने आयेगा, तो एमबीबीएस की पढ़ाई में दिक्कत होगी. गौरतलब है कि बुधवार को रिम्स के हाॅस्टल संख्या-दो में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर को तीन घंटे तक खड़ा कराया गया था. उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया गया था. कई छात्रों ने अभिभावकों को फोन कर जानकारी दी.
रिम्स में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को नये सत्र की संचालित कक्षा में अधिकारियों ने छात्र से मुलाकात की. रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, डीन स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी डॉ आरके पांडेय, डीन डॉ सतीश चंद्रा, रिम्स पीआरओ डॉ डीके सिन्हा, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ अशोक दूबे, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव मिश्र ने एक-एक छात्र से रैगिंग की जानकारी ली. हालांकि, कोई सामने नहीं आया. इसके बाद सभी छात्रों काे हॉस्टल सुपरिटेंडेंट का मोबाइल नंबर दिया गया. उनसे कहा गया कि रैगिंग या किसी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल जानकारी दें. हॉस्टल के बाहर एक लेटर बॉक्स भी लगाने की जानकारी दी गयी.
मेडिकल के नये छात्रों के लिए एक माह में नया हॉस्टल तैयार हो जायेगा. इसके बाद जूनियर छात्रों को एक साथ हॉस्टल में शिफ्ट किया जायेगा. वर्तमान में एमबीबीएस के नये छात्रों को हॉस्टल संख्या एक, दो और चार में रखा गया है.
रैगिंग की लिखित शिकायत नहीं मिली है. निदेशक, डीन व अन्य सीनियर डॉक्टर ने कक्षा हॉल में जाकर नये छात्रों से पूछताछ की, लेकिन किसी छात्र ने कुछ नहीं बताया. हॉस्टल सुपरिटेंडेंट का नंबर सभी छात्रों को दिया गया है. लेटर बॉक्स भी हॉस्टल के बाहर लगाने का निर्देश है. हर स्तर पर जांच की जा रही है. स्टूडेंट चिह्नित हुए, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.
– डॉ आरके पांडेय, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी
Posted By : Sameer Oraon