RIMS के नये डायरेक्टर की दो टूक, डॉक्टर समय पर आएं, मैं भी समय पर आऊंगा

रिम्स झारखंड राज्य की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था है. प्रभात खबर के चीफ रिपोर्टर राजीव पांडेय ने रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार से बातचीत की और पूछा की आने वाले समय में उनकी कार्य योजनाएं क्या है और वो रिम्स की बेहतरी के लिए क्या करेंगे

By Shaurya Punj | February 12, 2024 6:43 PM

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के नए निदेशक डॉक्टर राजकुमार बरुआ ने रिम्स में योगदान दे दिया है. आपको बता दें रिम्स झारखंड राज्य की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था है. प्रभात खबर के चीफ रिपोर्टर राजीव पांडेय ने रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार से बातचीत की और पूछा की आने वाले समय में उनकी कार्य योजनाएं क्या है और वो रिम्स की बेहतरी के लिए क्या करेंगे

प्रश्न : रिम्स राज्य की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था है, जिसपर लोगों का विश्वास है, आप इस संस्था को कहां तक ले जाना चाहते हैं ?

उत्तर: रिम्स के सामने कई चुनौतियां हैं, सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक को अपग्रेड करना है. ऑन्कोलॉजी सेंटर की जो परेशानियां हैं उसे भी दूर करना है. कुछ नई बिल्डिंग बन रही हैं, गर्ल्स हॉस्टल की क्राइसिस के लिए भी कुछ सॉल्यूशन निकाला जाएगा. खाली पड़े फैकिल्टी पोजिशन को भी भरना है. जल्द ही अपॉइंटमेंट्स की जाएगी. साथी ही सबसे ज्यादा इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि डॉक्टर अपना समय मरीजों को दें, और इसका पालन मैं भी करूंगा.

प्रश्न : रिम्स में सबसे बड़ी चुनौती होती है, समय पर डॉक्टर की उपलब्धता, इसके अलावा डॉक्टरों में निजी प्रैक्टिस करने की भी बात सामने आती रहती है, इसपर लगाम कैसे लगेगी ?

उत्तर: मैंने सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की और अपने काम करने के तरीके से अवगत कराया. विभागाध्यक्षों को स्पष्ट किया कि समय के पाबंद नहीं होंगे तो तकलीफ का सामना करना पड़ेगा. मैंने सामान्य दिनों में फैकल्टी से मिलने का समय दोपहर तीन से चार का निर्धारित किया.

जानिए रिम्स संस्थान के बारे में

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) भारत के झारखंड की राजधानी रांची में रांची विश्वविद्यालय का एक मेडिकल संस्थान है. कॉलेज झारखंड विधानसभा के एक अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय है और राज्य और भारत के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में से एक है.

संस्थान की स्थापना 1960 में हुई थी और इसे मूल रूप से भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर राजेंद्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल कहा जाता था. मेडिकल कॉलेज अस्पताल फरवरी 1965 में अस्तित्व में आया. डॉ. एन.एल. मित्रा कॉलेज के पहले प्रिंसिपल थे. संस्थान का नाम बदलने के बाद डॉ. के.पी. श्रीवास्तव इसके पहले निदेशक थे. वर्तमान में रिम्स अपने अपग्रेडेशन को लेकर सुर्खियों में है. संस्थान मरीजों को आवश्यक दवाओं के साथ-साथ निःशुल्क चिकित्सा सेवा भी प्रदान करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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