रांची : रिम्स में सीनियर डॉक्टर लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन निचले स्तर पर जूनियर डॉक्टरों की बहाली नहीं हो पा रही है. ऐसे में अधिकांश विभाग की फैकल्टी में डॉक्टरों की कम होती जा रही है. इस माह सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग के दो चिकित्सक डॉ विनय प्रताप और डॉ पारसनाथ सेवानिवृत्त हो गये. इससे सर्जरी विभाग की फैकल्टी भी कम हो गयी है. वहीं, हड्डी और टीबी एंड चेस्ट विभाग में भी डॉक्टरों की कमी है.
टीबी विभाग में तो सिर्फ एक सीनियर चिकित्सक डॉ ब्रजेश मिश्रा कार्यरत हैं. प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर का पद सरकार ने स्वीकृत नहीं किया है. यहां प्रर्याप्त संख्या में सीनियर रेजीडेंट भी नहीं हैं. इधर, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टरों के सेवानिवृत्त होते ही उस विभाग में फैकल्टी की कमी और उसकी नियुक्ति की अनुमति मांगी जाती है. सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है. टीबी एंड चेस्ट विभाग में पद स्वीकृत ही नहीं है, जिससे उसमें नियुक्ति के लिए आवेदन भी नहीं निकाला जा सकता है.
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रिम्स में किडनी विभाग तो खुल गया है, लेकिन यहां सिर्फ एक ही डॉक्टर सेवा दे रही हैं. यहां भी फैकल्टी के अन्य डॉक्टर का पद स्वीकृत नहीं है. ऐसे में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. सिर्फ एक डॉक्टर और एक सीनियर रेजीडेंट के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है.