RIMS CTVS विभाग में हृदय रोगियों को मिलेगी अत्याधुनिक इलाज की सुविधा, शुरू होगी छिद्र से हार्ट सर्जरी

रिम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में छोटे छिद्र से हार्ट सर्जरी होने लगेगी. एम्स भोपाल आए डॉक्टर के बाद ये संभव होने वाला है

By Prabhat Khabar News Desk | February 9, 2022 10:19 AM

रांची : रिम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में 10 दिनों में छोटे छिद्र से हार्ट सर्जरी होने लगेगी. छह माह में हार्ट ट्रांसप्लांट भी किया जाने लगेगा. एम्स भोपाल से आये डॉ विनीत महाजन के योगदान देने के बाद यह संभव होनेवाला है. प्रभात खबर के मुख्य संवाददाता राजीव पांडेय से विशेष बातचीत में उन्होंने कई बातों का जिक्र किया.

Qझारखंड के हृदय रोगियों को सर्जरी के लिए महानगरों में जाना पड़ता है, क्या रिम्स में यह संभव नहीं है?

हार्ट सर्जरी भी अब दर्दरहित हो गयी है. देश के बड़े अस्पतालों में मिनिमल इंवेसिव विधि से सर्जरी होने लगी है. इस विधि से दो छोटे छिद्र के माध्यम से हार्ट तक पहुंच कर सर्जरी की जाती है. इससे मरीज ऑपरेशन के दो से तीन दिन ही बाद घर चला जाता है. कुछ समय में वह सामान्य जीवन व्यतीत करने लगता है. रिम्स में यह संभव है, क्योंकि विभाग की आधारभूत संरचना अच्छी है. उपकरण भी मौजूद हैं, जिससे मिनिमल इंवेसिव सर्जरी की जा सकती है. कुछ अन्य उपकरण भी मंगाये जायेंगे, जिससे सभी सर्जरी इसी विधि से होने लगेगी.

Qमिनिमल इंवेसिव सर्जरी किन हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है?

मिनिमल इंवेसिव सर्जरी का सबसे ज्यादा फायदा लड़कियों और युवतियों को होता है. इस विधि में छोटा छिद्र किया जाता है, जिससे सीने पर बड़े चीरा का निशान नहीं लगता है. ज्यादा चीरा नहीं लगने से बड़ा घाव नहीं होता है, जिससे पोस्ट ऑपरेशन की समस्या से भी निजात मिल जाता है. छोटी उम्र के बच्चों में भी यह सर्जरी ज्यादा कारगर है.

Qबड़े अस्पतालों की तरह क्या रिम्स में भी हार्ट ट्रांसप्लांट हो सकता है?

हार्ट ट्रांसप्लांट को बड़ी सावधानी के साथ करना पड़ता है. बेंगलुरू में हार्ट ट्रांसप्लांट की टीम में रहा हूं, इसलिए इसकी सभी बारीकियों का जानता हूं. रिम्स में भी हार्ट ट्रांसप्लांट संभव है. इसकी कार्ययोजना बनायी है. सरकार का सहयोग मिला, तो छह महीने में रिम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू कर सकते हैं. हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कई प्रकार के लाइसेंस की जरूरत होती है, जो सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं है.

Qहार्ट सर्जरी की जरूरत आखिर कब पड़ती है? क्या सर्जरी के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जीता है?

हार्ट की तीन मुख्य धमनियों में अगर बाधा हो जाये, तो हार्ट सर्जरी की जरूरत पड़ती है. वहां स्टेंट लगना संभव नहीं हो पाता है. अगर छोटी धमनियों में ब्लॉकेज है, तो एंजियोप्लास्टी द्वारा स्टेंट लगा कर उसे खोला जा सकता है. यह एक या दो मुख्य धमनियों तक ही संभव है. कई बार वॉल्व भी बदलना पड़ता है. हार्ट सर्जरी के बाद व्यक्ति दवा और परहेज को अपना कर आसानी से सामान्य जीवन जी सकता है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version