RIMS Hospital News Update, RIMS Ranchi Latest News, रांची न्यूज़: रिम्स के डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर छह साल की बच्ची को नयी जिंदगी दी है. गिरिडीह निवासी यह बच्ची छत से नीचे गिर गयी थी, जहां दो फीट का लोहे का सरिया उसके पेट के आर-पार हो गया था. 3:30 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने लोहे का सरिया निकाल दिया. बच्ची फिलहाल स्वस्थ है और पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की आइसीयू में भर्ती है. अगले चार-पांच दिनों तक वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी.
RIMS News: ऑपरेशन में पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और सीटीवीएस के डॉक्टरों की टीम शामिल थी. जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह बच्ची अपने घर की छत पर खेल रही थी. उसी दौरान वह नीचे गिर गयी. नीचे निर्माणाधीन पिलर से सरिया बाहर निकला हुआ था. बच्ची सीधे सरिये पर जा गिरी. दो फीट का सरिया उसके पेट के आर-पार हो गया. परिजन ने सरिया काट कर बच्ची को निकाला और आनन-फानन में बच्ची को लेकर स्थानीय अस्पताल में ले गये. यहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. गिरिडीह निवासी बच्ची छत से नीचे गिरने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
परिजन रात नौ बजे बच्ची को लेकर रिम्स पहुंचे. यहां उसे पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में डॉ अभिषेक रंजन की यूनिट में भर्ती किया गया. ब्लड प्रेशर सहित अन्य पारामीटर अनियंत्रित था, जिसे दवा देकर नियंत्रित किया गया. रात में ही ऑपरेशन करने के लिए टीम बनायी गयी.
पेट की सीटी स्कैन जांच करायी गयी, जिसमें आंत के क्षतिग्रस्त होने का पता चला. शुक्रवार सुबह 9:00 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया. आंत को दुरुस्त किया गया. बच गयी थी रीढ़ हड्डी, इसलिए डॉक्टराें में थी उम्मीद : पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अभिषेक रंजन ने बताया कि ऑपरेशन इसलिए भी जटिल था, क्याेंकि पेट के अंदर खून की धमनी भी क्षतिग्रस्त हो गयी थी.
राहत की बात यह थी कि सरिया से रीढ़ की हड्डी को कोई नुकसान नहीं हुआ था. अगर रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गयी होती, तो बच्ची को बचाना मुश्किल था. सीटीवीएस के डॉक्टर का सहयोग लेकर धमनी को दुरुस्त किया गया. वहीं, न्यूराे सर्जरी के डॉक्टर ऑपरेशन के समय रीढ़ की हड्डी पर नजर रखे हुए थे. ऑपरेशन की टीम में डॉ हीरेंद्र बिरुआ, डॉ अभिषेक रंजन, डॉ नयन, न्यूरो से डॉ अानंद, डॉ जतिन, एनेस्थिसिया से डॉ दीपाली, डॉ भारती, डॉ राजीव व डॉ प्रभा शामिल थे.
पेट में सरिया आर-पार होना अपने आप में समस्या की जटिलता को बताता है. सीटी स्कैन कराकर पेट के अंदर की स्थिति की जांच की गयी. आंत क्षतिग्रस्त थी, लेकिन रीढ़ की हड्डी बची थी. फिलहाल बच्ची खतरे से बाहर है, लेकिन उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.
डॉ हीरेंद्र बिरुआ, विभागाध्यक्ष, शिशु सर्जरी, रिम्स
Posted By : Sameer Oraon