18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिम्स पर सालाना 450 करोड़ रुपये खर्च लेकिन फिर भी व्यवस्था बदहाल, जांच मशीनों से लेकर फ्रीजर तक खराब

झारखंड का सबसे बड़ा रिम्स की चिकित्सीय व्यवस्था बदहाल है, वर्तमान में यहां अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ जांच भी बंद है. वहीं शीतगृह का फ्रीजर चार माह से खराब है

Jharkhand News रांची: रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां राज्य के 24 जिलों और पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं. लेकिन दुर्भाग्य ऐसा कि हकीकत जान कर सभी परेशान हैं. लचर चिकित्सीय व्यवस्था के कारण उम्मीदें बिखर जाती हैं. मरीज बेहाल रह जाते हैं. वर्तमान में यहां अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ जांच भी बंद है.

अल्ट्रासाउंड के नाम पर सिर्फ यूरोलॉजी विभाग के पास एक छोटी अल्ट्रासाउंड मशीन है, जहां एक-दो मरीज की जांच होती है. वहीं शवों की भी दुर्दशा भी हो जा रही है, क्योंकि शीतगृह का फ्रीजर ही चार माह से खराब है. यह हालत तब है, जब चिकित्सीय व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार रिम्स को सालाना 450 करोड़ रुपये देती है.

1.22 करोड़ से बना शवगृह चार साल भी नहीं चला

रिम्स में शव को ससम्मान सुरक्षित रखने के लिए 1.22 करोड़ की लागत से शवगृह बना था. वर्ष 2018 में निर्माता एजेंसी भवन निर्माण विभाग ने रिम्स को हैंडओवर किया था, लेकिन मुश्किल से यह चार साल चला. मॉर्चरी में नौ कैबिनेट हैं, जहां 40 से 50 शव सुरक्षित रखे जा सकते हैं. मॉर्चरी में ब्लू स्टार कंपनी का डीप फ्रीजर लगा था, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (एएमसी) के तहत वर्ष 2021 तक एजेंसी को दी गयी. प्रबंधन का कहना है कि स्थानीय स्तर पर निविदा निकाल कर एजेंसी का चयन कर लिया गया है. कार्यादेश भी दे दिया गया है, लेकिन एजेंसी काम करने को तैयार नहीं है.

विदेशी का शव हो गया था क्षत-विक्षत :

कनाडा निवासी व फोटोग्राफर मारकस लैथरडेल की 23 अप्रैल को मौत हुई थी. उनका पार्थिव शरीर रिम्स के शव गृह में रखा गया था. डीप फ्रीजर खराब होने के कारण शव क्षत-विक्षत हो गया था.

एजेंसी का चयन किया गया है, लेकिन वह टालमटोल कर रही है

शवगृह का डीप फ्रीजर काम नहीं कर रहा है, जिससे निर्धारित तापमान 10 डिग्री का पालन नहीं होता है. शव को सुरक्षित रखने को लेकर प्रबंधन चिंतित है. लोकल निविदा निकाल कर एजेंसी का चयन किया गया है, लेकिन वह टालमटोल कर रही है. अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ मशीन की खरीद प्रक्रिया भी चल रही है.

डॉ हीरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक रिम्स

फॉरेंसिक विभाग में लगा डीप फ्रीजर कंडम घोषित

रिम्स के फॉरेंसिक विभाग में स्थित पोस्टमार्टम विंग के पास भी वर्ष 2012 में डीप फ्रीजर स्थापित किया गया था, लेकिन यह आज कंडम घोषित हो गया है. यहां भी 30 से 35 शवों को रखने की व्यवस्था थी, लेकिन कुछ दिन संचालित होने के बाद यह खराब हो गया है. फॉरेंसिक विभाग ने निर्माता कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. अगर समय रहते इसे भी दुरुस्त करा लिया जाये, तो वैकल्पिक वयवस्था के रूप में यह तैयार रहता.

Posted By: Sameer Oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें