रांची : जिस बीमारी का पता वेल्लोर के डॉक्टर नहीं लगा सका, उसकी पहचान रिम्स ने की
होल एग्जोम सीक्वेंसिंग में प्रोटीन का डी-कोड कर पता लगाया जाता है कि बीमारी किस वजह से हो रही है. एक सप्ताह में डॉक्टर विश्लेषण कर बीमारी की आधिकारिक जानकारी दें
रांची : रांची की बच्ची सहित 20 मरीजों की बीमारी का पता लगाने में रिम्स के जेनेटिक एंड जीनोमिक्स विभाग को सफलता मिली है. होल एग्जोम सीक्वेंसिंग की जांच में यह पता चला है कि बच्ची इम्युनोग्लोबुलिन की कमी से होने वाली बीमारी से पीड़ित है. यह जन्मजात बीमारी है, जिसमें इम्युन सिस्टम प्रभावित होता है. यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी होती है. इसमें एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाता है, जिससे संक्रमण लगातार बना रहता है.
जानकारों का कहना है कि बच्ची में सेलेक्टिव आइजीए की कमी पायी गयी है. पीड़ित बच्ची का इलाज नहीं होने से उसकी अगली पीढ़ी भी प्रभावित होगी. अगर बच्ची का इलाज बीमारी की पहचान कर समय पर हो जाता है, तो बीमारी नियंत्रित हो सकती है. इस बीमारी को हमेशा के लिए खत्म नहीं किया जा सकता है. क्योंकि, यह जन्मजात बीमारी है और समय पर इसका पता नहीं चल पाता है. बीमारी का जब पता चलता है, तब तक देर हो चुकी होती है. होल एग्जोम सीक्वेंसिंग में प्रोटीन का डी-कोड कर पता लगाया जाता है कि बीमारी किस वजह से हो रही है. उम्मीद है कि एक सप्ताह में डॉक्टर विश्लेषण कर बीमारी की आधिकारिक जानकारी दें.
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रिम्स में अब तक नहीं हुई टूटे फर्श की मरम्मत, लिफ्ट भी खराब
रिम्स प्रबंधन अस्पताल की अव्यवस्था सुधारने का प्रयास नहीं कर रहा है. अव्यवस्था का आइना दिखाने के 27 दिन बाद भी सुधार की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. सामान्य से लेकर आइसीयू वार्ड का फ्लोर (टाइल्स) टूटा हुआ है. लिफ्ट भी खराब है. लोग अब उसमें कचरा डंप करने लगे हैं. वहीं, आइसीयू में बेतरतीब तरीके से लटके हुए बिजली के तार को भी व्यवस्थित नहीं किया गया है. कुल मिला कर मरीज व उनके परिजन परेशानी का सामना करने को विवश हैं.
इधर, लिफ्ट खराब होने के कारण मरीजों को तीसरे और चौथे तल्ले पर जाने के लिए सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है. कई बार मरीज को परिजन गोद में उठाकर ले जाने को मजबूर हैं. पुरानी बिल्डिंग के अलावा सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल की लिफ्ट भी खराब है. इस संबंध में रिम्स निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने बताया लिफ्ट को चालू अवस्था में लाने का आश्वासन एजेंसी ने दिया है. वहीं, टूटे फर्श को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी.