रिम्स में कृत्रिम दांत लगाने की सुविधा होगी शुरू, दुरुस्त की जा रही है आधारभूत संरचना

डेंटल लैब में डेंचर वाले कृत्रिम दांत (पहनने और खोलने वाला) की सुविधा उपलब्ध है. डेंचर वाले दांत की सुविधा मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 5, 2023 9:25 AM

रिम्स डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग में कृत्रिम दांत (फिक्स दांत) लगाने की सुविधा सितंबर से शुरू हो जायेगी. इसके लिए लैब की आधारभूत संरचना दुरुस्त की जा रही है. इसके बाद फिक्स दांत बनाने वाली मशीन को इंस्टॉल कर दांत लगाने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा. वर्तमान में फिक्स दांत के लिए मरीजों को निजी क्लिनिक में जाना पड़ रहा है, जहां एक दांत के लिए दो से ढाई हजार रुपये लिये जाते हैं.

इधर, डेंटल लैब में डेंचर वाले कृत्रिम दांत (पहनने और खोलने वाला) की सुविधा उपलब्ध है. डेंचर वाले दांत की सुविधा मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है. वहीं, फिक्स कृत्रिम दांत की सुविधा भी न्यूनतम दर पर मरीजों को उपलब्ध कराने की योजना है. डॉक्टरों का कहना है कि रिम्स प्रबंधन से इसकी सुविधा भी नि:शुल्क करने का आग्रह किया जायेगा.

फिक्स दांत लगाने की सुविधा सितंबर से शुरू हो जायेगी. इसके लिए डेंटल लैब को तैयार किया जा रहा है. मशीन को इंस्टॉल करने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जायेगी. फिक्स दांत को न्यूनतम दर पर या नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा.

-डॉ जयप्रकाश, विभागाध्यक्ष, प्रोस्थोडॉन्टिक्स, रिम्स

वरीय प्राध्यापक सेवानिवृत्त होनेवाले थे, इसलिए डाॅ राजीव को दी गयी निदेशक की जिम्मेदारी

रिम्स के प्रभारी निदेशक डाॅ राजीव कुमार गुप्ता की नियुक्ति पर विधानसभा में सरकार ने जवाब दिया है. बताया गया कि प्रभारी निदेशक वरीयतम प्राध्यापक नहीं हैं. इसके बावजूद उनको जिम्मेदारी दी गयी है, क्याेंकि वरीय प्राध्यापक सेवानिवृत्त होने वाले थे. अगर उनको जिम्मेदारी दी जाती, तो यह प्रशासनिक दृष्टिकोण से सही नहीं होता.

इसके बाद के वरीय प्राध्यापकों को बुलाया गया और उनसे रिम्स की उन्नति की सोच की जानकारी ली गयी. इसमें डॉ राजीव गुप्ता को योग्य पाया गया. इधर, रिम्स में स्थायी निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. शीघ्र ही नियमित निदेशक की नियुक्ति के लिए आवेदन निकाला जायेगा. वहीं, डॉ कामेश्वर प्रसाद के त्यागपत्र और पूर्व के नोटिस के बारे में भी बताया गया. डॉ कामेश्वर द्वारा तीन महीने पहले सूचना देने या तीन महीने का वेतन व भत्ता देकर रिम्स छोड़ने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गयी.

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