राजीव पांडेय,रांची
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में गैस्ट्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी (हार्मोनल डिसऑर्डर) और हेमेटोलॉजी विभाग नहीं है. इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है. क्योंकि, निजी अस्पतालों में इन बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम है. वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपना क्लिनिक भी खोल रखा है, जहां वह मरीजों को परामर्श देते हैं. हालांकि, निजी अस्पतालों में मरीजों को 1000 से 1500 रुपये तक कंसल्टेंसी फी देनी पड़ती है.
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निजी अस्पताल और क्लिनिक में जांच की सुविधा भी उपलब्ध है. इसके लिए मरीजों को तीन से पांच हजार रुपये तक देने पड़ते हैं. इधर, रिम्स में यह सुविधा मौजूद होने पर मरीजों को ओपीडी में पांच रुपये में परामर्श मिल जाता. वहीं, रिम्स में जांच की पूरी सुविधा उपलब्ध है, इसलिए जांच में मामूली खर्च आता.
प्रस्ताव भेजा गया, पर अब तक पद स्वीकृत नहीं
रिम्स में गैस्ट्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी और हेमेटोलॉजी विभाग खोलने का प्रस्ताव तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है, लेकिन इसका पद अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है. पद स्वीकृत नहीं होने के कारण रिम्स द्वारा इन विभागों के लिए आवेदन नहीं निकाला जाता है.
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गैस्ट्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी और हेमेटोलॉजी विभाग खोलने का प्रस्ताव पहले ही स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है. नयी ओपीडी बिल्डिंग बनने के बाद इन विभागों को शुरू किया जा सकता है.
डॉ राजीव कुमार गुप्ता, निदेशक, रिम्स