मरीजों के इलाज के दौरान अब एमआर डॉक्टर से नहीं मिल पायेंगे. रिम्स में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) के प्रवेश के लिए समय निर्धारित करने की तैयारी हो रही है. रिम्स प्रबंधन एमआर को डॉक्टरों की ड्यूटी अवधि समाप्त होने के बाद अस्पताल परिसर में प्रवेश देने पर विचार कर रहा है. इसके लिए शाम पांच बजे का समय निर्धारित किया जा सकता है. इधर, रिम्स में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों की इंट्री पर सवाल उठने लगे हैं.
रिम्स के कुछ सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब रिम्स में बाहर से दवा खरीदने पर रोक है और डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी रोक है, तो एमआर को इंट्री ही क्यों मिलनी चाहिए. उनकी दवाओं के प्रचार-प्रसार की जरूरत क्यों है. सरकारी संस्थानों में दवा कंपनियों के प्रचार और प्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक है.
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बावजूद उनका जमावड़ा रिम्स में लगा रहता है. रिम्स में मरीजों को मुफ्त में दवा उपलब्ध करायी जाती है. जनऔषधि की दुकान के अलावा सरकार की अधिकृत एजेंसी अमृत फार्मेसी का संचालन भी हो रहा है. ऐसे में निजी कंपनियों एमआर के रिम्स में प्रवेश पर सवाल उठ रहे हैं.