राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की व्यवस्था में सुधार को लेकर मंगलवार को मुख्य प्रशासनिक भवन में उच्चस्तरीय बैठक हुई. यह बैठक निदेशक चैंबर में इमरजेंसी, ट्रॉमा और क्रिटिकल केयर से जुड़े मरीजों की तत्काल बेहतर उपचार शुरू करने को लेकर बुलायी गयी थी. बैठक में गंभीर स्थिति में रिम्स के सेंट्रल इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर में लाये गये मरीजों को बचाने और जल्द उपचार शुरू करने को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये.
मरीजों के जल्द उपचार प्रारंभ करने को लेकर डॉ प्रदीप भट्टाचार्य के मार्गदर्शन में पांच सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है. रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि रिम्स प्रबंधन चाहता है कि अस्पताल में उत्कृष्ट चिकित्सकीय व्यवस्था बहाल हो तथा इसका लाभ मरीजों को बेहतर इलाज के रूप में मिले.
रिम्स प्रबंधन का प्रयास है कि ट्राॅमा सेंटर को और व्यवस्थित बनाया जाये. सेंट्रल इमरजेंसी-न्यू ट्रॉमा सेंटर में 120 बेड की व्यवस्था है. अभी 53 बेड पर इमरजेंसी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यहां अब पहले तल्ले पर 20 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था अब ट्रॉमा के मरीजों के लिए की गयी है. इससे अब गंभीर मरीजों को इलाज कराने में आसानी होगी. इमरजेंसी में 18 वेंटिलेटर्स और 32 ऑक्सीजन प्वाइंट को फंक्शनल किया गया है.
रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि गंभीर मरीजों के उपचार में अब आसानी होगी. संबंधित विभागाध्यक्षों को इसकी तैयारी का निर्देश दे दिया गया है. शुरुआत में थोड़ी व्यवस्थागत परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन समय के साथ इसे दुरुस्त कर लिया जायेगा. ट्राॅमा सेंटर में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.