रिम्स का आश्रय गृह बिल्डिंग 4 माह से बनकर तैयार, पर अब तक नहीं हुआ शुरू
आश्रय गृह में मामूली दर पर मरीजों के परिजनों को कमरा उपलब्ध कराया जायेगा. बिल्डिंग में कैंटीन की भी सुविधा होगी, जहां सस्ती दर पर भोजन मिलेगा. इसका संचालन निजी एजेंसी से कराया जायेगा
रांची : रिम्स में पावर ग्रिड के सहयोग से बने आश्रय गृह का शुभारंभ अभी तक नहीं हो पाया है. जबकि, बिल्डिंग चार माह से बनकर तैयार है. 310 बेड के आश्रय गृह का निर्माण डेंटल कॉलेज के पास किया गया है. पांच मंजिल के इस आश्रय गृह के एक कमरा में छह से आठ बेड आसानी से लगाये जा सकता हैं. बिल्डिंग में बिजली और पानी के कनेक्शन में कुछ खामियां थीं, जिसे दूर कर लिया गया है. रिम्स के अधिकारियों ने इसका निरीक्षण भी कर लिया है, लेकिन हैंडओवर की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं की गयी है. उदघाटन के लिए पावर ग्रिड के केंद्रीय अधिकारियों से समय नहीं मिल रहा है. इसलिए इसका संचालन नहीं किया जा रहा है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में इसकी आधारशिला रखी गयी थी. बिल्डिंग को 14 महीने में तैयार करना था, लेकिन कोरोना के कारण इसका निर्माण कार्य देरी से शुरू हो पाया. इस वजह से बिल्डिंग को तैयार करने में दिक्कत हुई. यहां बता दें कि आश्रय गृह में मामूली दर पर मरीजों के परिजनों को कमरा उपलब्ध कराया जायेगा. बिल्डिंग में कैंटीन की भी सुविधा होगी, जहां सस्ती दर पर भोजन मिलेगा. इसका संचालन निजी एजेंसी से कराया जायेगा.
रिम्स में 13 दिनों में किडनी के 60 मरीजों का डायलिसिस
रिम्स की डायलिसिस यूनिट में अब निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज भी पहुंचने लगे हैं. यहां पिछले 13 दिनों में 50 से 60 किडनी मरीजों का डायलिसिस किया गया है. सस्ता इलाज होने के कारण डायलिसिस के लिए रिम्स में भीड़ लगनी शुरू हो गयी है. बीपीएल, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना से जुड़े मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस किया जा रहा है. वहीं, सामान्य मरीजों को इसके लिए 1,341 रुपये देने पड़ रहे हैं. जबकि, निजी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए 3,500 से 4,000 रुपये लिये जाते हैं. 17 अक्टूबर को नये डायलिसिस यूनिट को शुरु किया गया था.
हालांकि मंगलवार को इसका विधिवत उदघाटन होगा. इधर, डायलिसिस कराने वाले मरीजों के लिए सुविधा बढ़ाने का प्रयास प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है. आयुष्मान मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए आयुष्मान काउंटर बनाया जायेगा. यहां एक आयुष्मान मित्र तैनात होगा, जो योजना से जोड़ने में मरीज के परिजनों को मदद करेगा. नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ प्रज्ञा पंत ने बताया कि पूजा की छुट्टी के कारण मरीजों की संख्या कम रही. एक सप्ताह बाद मरीज बढ़ेंगे. यहां 25 बेड डायलिसिस के लिए उपलब्ध है. मरीजों को सस्ते दर में डायलिसिस होने और बढ़ती संख्या को देखते हुए बेड बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.