रिम्स के कुछ सीनियर डॉक्टर दवा मंगाते हैं बाहर के खास दुकानों से, बदले में मिलता है इतना कमीशन
दलाल ओपीडी के बाहर भी मुस्तैद रहते हैं. मरीजों को बताया जाता है कि इस डॉक्टर साहब की दवा सिर्फ इसी दुकान में मिलेगी. वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक भी दवाएं पहुंचा दी जाती है.
राजीव पांडेय, रांची :
रिम्स में कमीशनखोरी का चलन जोरों पर है. रिम्स में कुछ विभाग के सीनियर डॉक्टर बाहर की खास दुकानों से दवा मंगाते है. दवा मंगाने के एवज में उन डॉक्टरों को 30% तक कमीशन भी मिलता है. इस 30% कमीशन में 20% दवा दुकान और 10% राशि दवा कंपनियों द्वारा दी जाती है. कमीशन के पैसे प्रतिदिन शाम को डॉक्टरों के पास पहुंच जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि मरीजों के परिजन जैसे ही रिम्स परिसर स्थित अमृत फार्मेसी और जनऔषधि केंद्र पहुंचते हैं. वहां मौजूद दवा दुकानों के दलाल उनसे कहते हैं कि इन दुकानों में दवा नहीं मिलेगी. आप मेरे साथ आयें. सारी दवाएं कम कीमत पर मिल जायेगी.
इसके बाद उन्हें अपनी दुकान में ले जाते हैं. यह दलाल ओपीडी के बाहर भी मुस्तैद रहते हैं. मरीजों को बताया जाता है कि इस डॉक्टर साहब की दवा सिर्फ इसी दुकान में मिलेगी. वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक भी दवाएं पहुंचा दी जाती है. इस संबंध में पूछे जाने पर रिम्स अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने भी स्वीकारा कि दलालों के माध्यम से खास दुकानों से दवाएं मंगाने की शिकायत मिली है. उन्होंने कहा कि ओपीडी समेत अन्य स्थानों पर घूमनेवाले दलालों को पकड़ने के लिए विशेष टीम का गठन किया जायेगा.
Also Read: रांची के रिम्स में माइक्रोस्कोप मशीन खराब, ट्यूमर का ऑपरेशन बंद, मरीजों का करना पड़ा रहा परेशानी का सामना
पैट स्कैन की जांच के लिए भेजने पर 5,000 हजार तक कमीशन :
निजी लैब में जांच के लिए मरीजों को भेजने पर भी डॉक्टरों को कमीशन मिलता है.सूत्रों ने बताया कि पेट स्कैन (कैंसर की जांच) की जांच के लिए भेजने पर निजी लैब संचालक डॉक्टरों को 4,000 से 5,000 हजार रुपये तक कमीशन देते हैं. हर दिन शाम को उन डॉक्टरों के पास बंद लिफाफे में पैसा पहुंच जाता है. पर्व-त्योहार के मौके पर भी पैसा या गिफ्ट देते हैं.
अमृत फार्मेसी की दलील उनकी दवाएं नहीं लिखते डॉक्टर
अमृत फार्मेसी संचालक का कहना है कि डॉक्टर उनके यहां उपलब्ध ब्रांडेड दवाएं नहीं लिखते है. हालांकि दवाओं की सूची रिम्स प्रबंधन के माध्यम से डॉक्टरों को उपलब्ध करा दी गयी है. वहीं, कई डॉक्टरों का कहना है कि अमृत फार्मेसी के पास पर्याप्त दवाएं उपलब्ध नहीं है.
खास दवा दुकानों से दवा मंगाने की शिकायत लगातार मिल रही है. अमृत फार्मेसी, जनऔषधि और ओपीडी के बाहर दवा दुकानों के दलाल मौजूद रहते हैं. वैसे लोगों को पकड़ने के लिए अब विशेष टीम गठित की जायेगी.
डॉ हिरेंद्र बिरुआ,
अधीक्षक रिम्स