रांची : रिम्स में एमबीबीएस 2019 बैच के विद्यार्थी पढ़ाई छोड़कर लड़ाई में व्यस्त हैं, जबकि उनके फाइनल ईयर की परीक्षा होने में मात्र दो महीने शेष हैं. इस परीक्षा के बाद यही विद्यार्थी बतौर इंटर्न डॉक्टर वार्ड में मरीजों को परामर्श देंगे. प्रबंधन का कहना है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसी से उनके आगे का भविष्य तय होगा. इधर, विद्यार्थियों के द्वारा मारपीट किये जाने और रिम्स की छवि खराब होती देखकर रिम्स निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने डीन स्टूडेंट के साथ बैठक की. डीन स्टूडेंट एंड वेलफेयर डॉ शिव प्रिये को हॉस्टल का माहौल बेहतर बनाने का निर्देश दिया.
ज्ञात हो कि गुरुवार की रात नौ बजे हॉस्टल संख्या-1 के सत्र 2019 के विद्यार्थियों ने मारपीट की थी. मारपीट करनेवाले विद्यार्थी नशे में थे. मारपीट की सूचना मिलने पर वार्डेन डॉ राजीव रंजन भी पहुंचे थे, लेकिन समझाने के बाद भी विद्यार्थी मानने को तैयार नहीं थे. होमगार्ड के जवानों से भी बकझक भी हुई थी. सूत्रों ने बताया कि हॉस्टल संख्या-5 के सामने स्थापित कैंटीन के द्वारा मादक पदार्थ उपलब्ध कराने के कारण लगातार मारपीट हो रही है.
मारपीट में चिह्नित विद्यार्थी अब डीन, डीन स्टूडेंट एंड वेलफेयर और वार्डेन को लिखित के साथ व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर माफी मांग रहे हैं. हालांकि प्रबंधन किसी भी सूरत में हॉस्टल में अशांति फैलानेवाले दोषी विद्यार्थियों को छोड़ने के मूड में नहीं है. रिम्स प्रबंधन ने मारपीट मामले में 10 विद्यार्थियों को चिह्नित किया है. इनको सोमवार की सुबह 11 बजे अपने माता-पिता के साथ डीन स्टूडेंट वेलफेयर के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है.