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रिम्स का शौचालय बना लेबर रूम, दर्द से तड़पती रही महिला, नहीं आयीं गायनी की डॉक्टर, ऐसे हुआ सुरक्षित प्रसव

Jharkhand News: रिम्स के गायनी विभाग की डॉक्टर बुलाने पर भी दर्द से तड़पती गर्भवती महिला का प्रसव कराने के लिए नहीं आयीं, तो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने ही प्रसव कराया. इस दौरान रिम्स का शौचालय लेबर रूम में तब्दील हो गया था. मां और बच्ची दोनों खतरे से बाहर हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2022 1:15 PM
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Jharkhand News: रांची स्थित रिम्स के सर्जरी आईसीयू के शौचालय में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा की जान खतरे में देख आनन-फानन में सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने मानवता दिखाते हुए प्रसव कराया. महिला झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया की रहने वाली है. महिला के पति के पेट का ऑपरेशन हुआ था. इस दौरान गर्भवती महिला अपने पति के साथ सर्जरी वार्ड में थी. सूचना देने के बाद भी गायनी विभाग की डॉक्टर नहीं आयीं, तो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने ही प्रसव कराया. इस दौरान रिम्स का शौचालय लेबर रूम में तब्दील हो गया था. मां और बच्ची दोनों खतरे से बाहर हैं.

प्रसव कराने नहीं आयीं गायनी विभाग की डॉक्टर

बताया जा रहा है कि रिम्स के सर्जरी विभाग में गर्भवती महिला के पति के पेट का ऑपरेशन हुआ था और उस वक्त वह उनके साथ वार्ड में मौजूद थी. हालांकि, इस बीच गायनी विभाग ने इस मामले में पूरी तरह से उदासीनता दिखाई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सूचना देने के बाद भी गायनी विभाग की डॉक्टर एक तल्ले से नीचे नहीं उतरीं. प्रसूता की हालत गंभीर थी. इसे देखते हुए वार्ड में मौजूद महिलाओं ने सुरक्षाकर्मियों की मदद से हालात को संभाला. इसके बाद सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने ही आपसी सहयोग से गर्भवती महिला का सफल प्रसव कराया. इस दौरान लगभग एक घंटे तक रिम्स का शौचालय लेबर रूम में तब्दील हो गया था. अस्पताल में मां और बच्ची दोनों खतरे से बाहर हैं.

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शौचालय के फर्श पर दर्द से तड़प रही थी महिला

प्रसव पीड़ा से तड़प रही पत्नी ने मदद के लिए अस्पताल में पहले पति को आवाज लगाई. पति के पेट का ऑपरेशन हुआ था और उसके जख्म ताजा थे. ऐसे में वह लाचार चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहा था. शौचालय में पत्नी फर्श पर पड़ी तड़प रही थी. आधा बच्चा गर्भाशय के भीतर और आधा बाहर आ चुका था. पत्नी की हालत देख पति सहम गया था.

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पीजी के डॉक्टर निखिल ने कराया प्रसव

वार्ड में कहीं से मदद न मिलने पर बच्चे को बचाने के लिए वहां मौजूद सर्जरी विभाग के पीजी डॉक्टर निखिल ने गर्भाशय के बाहर आए हुए बच्चे को अपने हाथ से पकड़ा और धीरे-धीरे बाहर निकाल लिया. इसके बाद साफ कपड़े में शिशु को लपेट लिया. बच्चे की गर्भाशय नाल शौचालय में ही काटी गई. इसके बाद डॉक्टर निखिल ने अपनी गोद में लेकर उसे लेबर रूम में शिफ्ट कराया.

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रिपोर्ट : बिपिन, रांची

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