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Jharkhand News: रांची के मेन रोड में उपद्रव व पथराव में घायल लोगों का रिम्स में चल रहा इलाज, ऐसा था माहौल

Jharkhand News: रिम्स में घायलों के इलाज होने की सूचना पाकर परिजन बदहवास इमरजेंसी पहुंच रहे थे. एक से अधिक परिजनों को इमरजेंसी के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. एक परिजन ने बताया कि वह अंदर जाना चाहता है, लेकिन जाने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि बाद में काफी आग्रह के बाद उसे जाने की अनुमति मिली.

Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड में शुक्रवार को हुए उपद्रव और पथराव के बाद घायल हुए 12 लोगों को रिम्स के इमरजेंसी में लाया गया. घायलों में मो कैफी की स्थिति गंभीर बनी हुई है. उसके सिर में बायीं तरफ गोली लगी है. स्थिति गंभीर है. उसे आईसीयू में रखा गया है. रिम्स इमरजेंसी में करीब शाम चार बजे के बाद से ही घायलों को एक-एक कर लाया जाने लगा था. सूचना मिलते ही सर्जरी, हड्डी, मेडिसिन, न्यूरो के सीनियर डॉक्टर भी वहां पहुंचे. इसके बाद सीनियर डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के सहयोग से इलाज शुरू किया.

पर्याप्त दवाओं का स्टॉक इमरजेंसी में था

इमरजेंसी ओटी में घायलों को माइनर सर्जरी कर वार्ड में शिफ्ट किया गया. घायलों को सर्जरी, ऑर्थो व न्यूरो सर्जरी के आईसीयू वार्ड में भेजा गया. वर्तमान इमरजेंसी और ओटी का एरिया छोटा होने के कारण डॉक्टर, टेक्नीशियन व पारा मेडिकल स्टाफ पसीने से लथपथ हो गये थे. इलाज के दौरान घायलों को जीवन रक्षक दवाओं की कमी नहीं हो, इसके लिए पर्याप्त दवाओं का स्टॉक इमरजेंसी में रखा गया था. जिन घायलों को खून की जरूरत थी, उन्हें ब्लड बैंक से मुफ्त में खून उपलब्ध कराया जा रहा था. सीनियर डॉक्टरों में सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलुआ, डॉ निशित एक्का, डॉ गौरव कुमार, डॉ विजय कुमार, मेडिसिन से डॉ ग्रेगरी मिंज, डॉ रश्मि, न्यूरो सर्जरी से डॉ विकास कुमार, डॉ नवीन, डॉ अजीत, डॉ यशवंत सहित महिला जूनियर डॉक्टर भी मौजूद थे. वहीं, इमरजेंसी में व्यवस्था को संभालने के लिए अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ और उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी इमरजेंसी में मौजूद थे.

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रिम्स परिसर में था अफरा-तफरी का माहौल

रिम्स में घायलों के इलाज होने की सूचना पाकर परिजन बदहवास इमरजेंसी पहुंच रहे थे. एक से अधिक परिजनों को इमरजेंसी के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. एक परिजन ने बताया कि वह अंदर जाना चाहता है, लेकिन जाने नहीं दिया जा रहा है. हालांकि बाद में काफी आग्रह के बाद उसे जाने की अनुमति मिली. इस दौरान अचानक रिम्स परिसर में लोगों की भीड़ बढ़ गयी.

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जुलूस में सबसे पीछे था, पैर में गोली लगने से गिरा शहबाज

घायल मो शहबाज ने बताया कि जुलूस में वह सबसे पीछे था, लेकिन भगदड़ के बाद वह गिर गया. गोली लगने के बाद वह सड़क पर गिर गया. पुलिस के सहयोग से उसे रिम्स लाया गया. शहबाज में बताया कि उसके साथ कोई नहीं है, लेकिन डॉक्टरों ने ठीक से इलाज किया. जरूरत होने पर उसे मुफ्त में खून चढ़ाया गया. इमरजेंसी में भर्ती सामान्य मरीज तब सहम गये, जब एक-एक कर खून से लथपथ मरीज इमरजेंसी में भर्ती होने लगे. गुमला से इलाज के लिए आये महिला मरीज अपने पति से लिपट गयी, क्योंकि एक घायल के सिर से खून टपक रहा था. हालांकि, घायलों को सामान्य मरीज से अलग किया गया.

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कई घायल पहले सदर अस्पताल पहुंचाये गये

मेन रोड में हुए उपद्रव के दौरान घायल लोगों को सीधे सदर अस्पताल पहुंचाया गया क्योंकि यह घटनास्थल के सबसे नजदीक था. घायलों में थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर, सासाराम निवासी चंद्रवती देवी, जैप-3 के जवान अखिलेश कुमार और मौलाना आजाद कॉलोनी का एक 14 साल का एक नाबालिग समेत सात लोग शामिल थे. सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद इनमें से कुछ लोगों को रिम्स रेफर कर दिया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस एस मंडल खुद अपनी टीम के साथ इमरजेंसी में तैनात थे. सदर अस्पतला के इमरजेंसी में तैनात डॉ रुचिका ने बताया कि जवान के पैर में गोली लगकर निकल गयी थी, जिससे पैर की हड्डी टूट गयी थी. यहां उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया.

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उपायुक्त ने रिम्स निदेशक से ली घायलों की जानकारी

रांची के डीसी छवि रंजन ने रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद से घायलों की जानकारी ली. उन्होंने बेहतर इलाज का निर्देश दिया. निदेशक डॉ प्रसाद ने बताया कि चिकित्सकों की टीम घायलों का इलाज देर रात तक करती रही.

ये लोग हुए हैं घायल

मो सरफाराज (29 वर्ष), अखिलेश कुमार (35 वर्ष) जैप-3 का जवान, गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर, एसआइएसएफ जवान संजू कुमार साहु, मो कैफी (22 वर्ष), नदीम अंसारी (24 वर्ष), मो तबरेक (24 वर्ष), मो साहिल (24 वर्ष), मो सुफियान (22 वर्ष), शबीर अंसारी (28 वर्ष), मो उस्मान (17 वर्ष), मो तबरेज (18 वर्ष), मो अशफर (24 वर्ष), शमीम खान (14 वर्ष) मौलाना आजाद कालोनी, चंद्रवती देवी (60 वर्ष), अनूप कुमार गुप्ता (59 वर्ष)

Posted By : Guru Swarup Mishra

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