भारत सरकार के केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी रिपोर्ट में झारखंड की नौ नदियों की स्थिति खराब बतायी गयी है. इस रिपोर्ट के हिसाब से स्वर्णरेखा व हरमू राज्य की दो सबसे प्रदूषित नदियां हैं. हरमू नदी का बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 10.1 है, जबकि स्वर्णरेखा नदी का बीओडी 10 है. किसी भी नदी में इतना बीओडी इसमें नहाने के लिहाज से भी उचित नहीं है.
भारत सरकार ने वर्ष 2019-2021 के बीच एक एजेंसी की मदद से देश भर की नदियों के प्रदूषण की स्थिति का अध्ययन कराया था. इसमें राज्य की 20 नदियों को शामिल किया गया. इन नदियों के पानी की गुणवत्ता की जांच 62 स्थानों पर करायी थी. जांच के दौरान राज्य की नौ नदियों के कई स्थानों पर बीओडी तीन से अधिक पाया गया है. बताया गया कि तीन से अधिक बीओडी होने पर पानी की गुणवत्ता खराब हो जाती है.
प्राथमिकता सूची तीन, चार और पांच में झारखंड की नदियां : जांच के बाद नदियों को उनके पानी की गुणवत्ता के हिसाब से पांच अलग-अलग प्राथमिकता सूची में रखा गया है. झारखंड की प्रदूषित कुल नौ नदियों को तीसरी, चौथी और पांचवीं प्राथमिकता सूची में रखा गया है. दो नदियां (हरमू और स्वर्णरेखा नदी) तीसरी प्राथमिकता सूची में शामिल हैं. जबकि, चौथी सूची में एक और पांचवीं सूची में शेष छह नदियां शामिल हैं.
नदी जांच स्थल बीओडी
1. स्वर्णरेखा रांची, मुरी, जमशेदपुर 10.0
2. हरमू रांची 10.1
3. खरकई सोनारी 8.0
4. जुमार बूटी 5.3
5. गरगा तेलमच्चो 4.9
6. बोकारो जरंगडीह 3.9
7. कतरी मुनडीह 3.6
8. दामोदर तेलमच्चो, जरंगडीह, रामगढ़ 3.5
9. कोइना मनोहरपुर 3.1
भारत सरकार ने झारखंड समेत देश के 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 2108 नदियों की जांच करायी. इसके लिए कुल 4484 जगहों से पानी के नमूने लिये गये. इसके अलावा 713 लेक, पौंड व टैंकों और 64 अन्य प्रकार के जल स्रोतों की भी जांच की गयी. इसमें 351 जल स्रोत प्रदूषित पाये गये. इस प्रदूषण को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने संबंधित राज्यों को योजना बनाने का निर्देश दिया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के आलोक में प्रदूषित नदियों के पुनरुद्धार के लिए कमेटी बनेगी. सभी राज्यों को यह काम करना है. राज्य स्तर पर कमेटी तथा केंद्र स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनाने का प्रस्ताव है. भारत सरकार वाली कमेटी की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्रालय के सचिव करेंगे.
भारत सरकार ने झारखंड समेत देश के 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 2108 नदियों की जांच करायी. इसके लिए कुल 4484 जगहों से पानी के नमूने लिये गये. इसके अलावा 713 लेक, पौंड व टैंकों और 64 अन्य प्रकार के जल स्रोतों की भी जांच की गयी. इसमें 351 जल स्रोत प्रदूषित पाये गये. इस प्रदूषण को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने संबंधित राज्यों को योजना बनाने का निर्देश दिया है.