आरजेडी ने की लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर छोड़ने की मांग, कहा- COVID-19 के संक्रमण के खतरे में हैं पार्टी नेता
पटना / रांची : आरजेडी ने झारखंड स्थित रिम्स में भर्ती पार्टी के मुखिया व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 71 वर्षीय लालू यादव को कोरोनोवायरस के खतरे को देखते हुए पैरोल पर जेल से रिहा करने की मांग की है. आरजेडी का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के जीवन को संकट में डालने का यह जानबूझ कर किया गया प्रयास है. उनके पहले की स्थिति को देखते हुए उनके स्वास्थ्य को खतरा है. कम-से-कम सरकार उन्हें पैरोल पर रिहा कर सकती थी. यह समझ नहीं आता कि किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए अधिकारियों को क्यों रोका जा रहा है. मालूम हो कि रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में एक वृद्ध साधु कोरोना संक्रमित पाया गया.
पटना / रांची : आरजेडी ने झारखंड स्थित रिम्स में भर्ती पार्टी के मुखिया व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 71 वर्षीय लालू यादव को कोरोनोवायरस के खतरे को देखते हुए पैरोल पर जेल से रिहा करने की मांग की है. आरजेडी का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के जीवन को संकट में डालने का यह जानबूझ कर किया गया प्रयास है. उनके पहले की स्थिति को देखते हुए उनके स्वास्थ्य को खतरा है. कम-से-कम सरकार उन्हें पैरोल पर रिहा कर सकती थी. यह समझ नहीं आता कि किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए अधिकारियों को क्यों रोका जा रहा है. मालूम हो कि रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में एक वृद्ध साधु कोरोना संक्रमित पाया गया.
It’s a deliberate attempt to put @laluprasadrjd Ji’s life in jeopardy. Knowing his pre existing life threatening health conditions,the least government could have done was releasing him on parole. We don’t understand what’s stopping authorities to arrive to a decision. https://t.co/YwbrWXBZIG
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 28, 2020
लालू प्रसाद यादव का इलाज करनेवाले डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में 12 मरीज इलाजरत हैं. सोमवार को कोरोना संदिग्ध व्यक्ति के मिलने के बाद यूनिट के 18 लोगों का सैंपल लिया गया है. इनमें सीनियर और जूनियर डॉक्टर सहित पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं. वहीं, वार्ड के मरीजों का सैंपल नहीं लिया गया है. कोरोना संक्रमित वृद्ध करीब तीन हफ्ते से वार्ड में भर्ती था. वृद्ध द्वारा खाना नहीं खाने पर डॉक्टर ने मनोचिकित्सालय की राय लेना उचित समझा. मनोचिकित्सक ने देखने के बाद वृद्ध को सीआइपी में भर्ती कराने की सलाह दी. इसके बाद वहां संपर्क किये जाने पर यूनिट इंचार्ज ने कोरोना जांच कराने की सलाह दी. साथ ही कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज को भर्ती किया जायेगा. इसके बाद संदिग्ध साधु की जांच करायी गयी. जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.
रिम्स के विभिन्न वार्डों में करीब 500 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. ऐसे में मरीजों के परिजन खौफ में हैं. उनका कहना है कि डॉक्टर और नर्स हर जगह ड्यूटी करते हैं. हर वार्ड में उनका आना-जाना होता है. इसलिए कौन-कौन संक्रमित होगा, इसकी जांच होनी चाहिए. डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में सेवा देनेवाले जूनियर डॉक्टर अपने वार्ड के अलावा सहयोगी जूनियर डॉक्टरों के साथ मिलते हैं. ऐसे में वह भी खौफ में हैं. वहीं, यूनिट की नर्स मेट्रान ऑफिस और अन्य सहकर्मी नर्स से भी मिलती है.
कोरोना के डर से कमरे में कैद हुए लालू यादव, खाने में घटी दिलचस्पी
रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू यादव कोरोना संक्रमण के कारण अपने कमरे से नहीं निकल रहे हैं. उनका इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद ने टहलना बंद कर दिया है. उनका डायट पहले से कम हो गया है. करोना के बढ़ते संकट को देखते हुए उनको एहतियात बरतने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हम भी उनके पास सावधानी से जाते हैं और उनका हालचाल पूछते हैं. समस्या होने पर उनका इलाज भी किया जाता है. सेवादार को भी कमरे से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद पिछले एक महीने से लॉकडाउन के कारण अपने कमरे में हैं. अपने घर के लोगों व कार्यकर्ताओं से भी उनकी मुलाकात बंद है.
डॉ उमेश प्रसाद, प्रोफसर, मेडिसिन
इलाज कर रहे डॉक्टर अगर पॉजिटिव आते हैं, तो लालू प्रसाद यादव की भी कोरोना जांच करायी जायेगी. अगर लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉक्टर चाहेंगे कि उनकी भी जांच करा ली जाये, तो लालू प्रसाद यादव के सैंपल लेने का भी आदेश दे दिया जायेगा. डॉ दिनेश
कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स