RKDF के प्रथम दीक्षांत समारोह में 50 विद्यार्थियों को मिला गोल्ड मेडल, संजय चतुर्वेदी को मानद उपाधि
Ranchi News: रांची के नामकुम स्थित आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान 1061 छात्रों को ग्रेजुएशन, पीजी और पीएचडी की उपाधि दी गई.
RKDF University Convocation Ceremony : रांची में रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन आरकेडीएफ विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 19 दिसंबर को विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर, आईसीएआर, नामकुम में भव्य और गरिमामयी तरीके से आयोजित किया गया. इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के 2019-2023 सत्र के विभिन्न स्ट्रीम से पास हुए 50 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल 1061 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई.
संजय चतुर्वेदी को दी गई मानद उपाधि
कार्यक्रम के दौरान संजय चतुर्वेदी को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए राम कृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची द्वारा मानव दर्शनशास्त्र में मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) प्रवीन चंद्र त्रिवेदी ने अपने भाषण से छात्रों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें सामाजिक सेवा और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी. उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी.
इन लोगों ने दर्ज कराई उपस्थिति
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. आशीष गौतम( अध्यक्ष), दिव्य प्रेम मिशन, हरिद्वार (उत्तराखंड) और संत शिरोमणि प्रदीप कौशिकजी महाराज, देवघर (झारखंड) उपस्थित रहे. इस दौरान डॉ. बी. एन. सिंह, निदेशक, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, भोपाल (मध्य प्रदेश) और डॉ. ज्योति कुमार, सलाहकार भी समारोह में उपस्थित रहे और छात्रों को उनके भविष्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी.
कुलपति ने छात्रों को परिवार और देश का नाम रोशन करने को कहा
डॉ. शुचितांग्शु चटर्जी, कुलपति, आरकेडीएफ विश्वविद्यालय ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए उपाधियां प्रदान की. उन्होंने छात्रों को सफलता के पथ पर आगे बढ़ने और अपने परिवार, समाज, विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया. कुलपति ने इस आयोजन को विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बताते हुए कहा कि यह समारोह छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए गर्व का क्षण है और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है.
राष्ट्रगान के साथ हुआ समारोह का समापन
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिष्ठित अतिथियों, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और बड़ी संख्या में छात्रों और अभिभावकों ने भाग लिया.