सड़क हादसों में हुआ इजाफा, झारखंड में जान गंवाने वाले अधिकतर युवा, ये है मौत की बड़ी वजह
झारखंड में गूगल मैपिंग से 52 ऐसे स्थानाें की पहचान की गयी है, जहां सड़क हादसों में सर्वाधिक मौतें होती है. हर जिले में दो से तीन ऐसे स्थान हैं. इन स्थानों को अगले एक माह में समाप्त करने का निर्देश इंफोर्समेंट टीम को दिया गया है.
प्रणव, रांची: झारखंड में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सड़क हादसों में इजाफा हुआ है. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में राज्यभर में कुल 4728 सड़क हादसे हुए थे. इसमें 3513 लोगों की जान गयी थी. 3227 लोग घायल हुए थे. वहीं वर्ष 2022 में 5067 सड़क दुर्घटना में 3703 लोगों की मौत हुई है. जबकि 3678 लोग घायल हुए हैं. मौत का सर्वाधिक कारण तेज रफ्तार (ओवरस्पीडिंग) बताया गया है. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 18 से 35 वर्ष (उम्र) के 41 फीसदी लोगों की मौत हुई है.
18 से कम उम्र के सात फीसदी लोगों की मौत हुई है. 18 से 25 वर्ष के 18 फीसदी, 25 से 35 उम्र के 23 फीसदी, 35 से 45 उम्र के 18 फीसदी, 45 से 60 उम्र के 12 फीसदी और 60 से अधिक उम्र के चार फीसदी लोगों की मौत दर्ज की गयी है.
राज्य में गूगल मैपिंग से 52 ऐसे स्थानाें की पहचान की गयी है, जहां सड़क हादसों में सर्वाधिक मौतें होती है. हर जिले में दो से तीन ऐसे स्थान हैं. इन स्थानों को अगले एक माह में समाप्त करने का निर्देश इंफोर्समेंट टीम को दिया गया है.
बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के सर्वाधिक हादसा :
परिवहन विभाग के अनुसार, बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, बिना हेलमेट के 79 और बिन सीट बेल्ट के 77 फीसदी हादसों में गाड़ी सवार को ज्यादा नुकसान हुआ है. जबकि हेलमेट पहने हुए 21 फीसदी व सीट बेल्ट लगाने के बाद भी 23 फीसदी सड़क हादसों में गाड़ी सवार को नुकसान हुआ है.
सड़क सुरक्षा अभियान में लोगों को किया गया जागरूक :
राज्य में बुधवार से सड़क सुरक्षा अभियान की शुरुआत की गयी. सभी जिलों में जागरूकता टीम निकाली गयी. अभियान के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी भी निकाली गयी. लोगों को गाड़ी चलाते समय मोबाइल व अन्य उपकरणें का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गयी. वहीं जल्दबाजी में वाहनों के ओवरटेक करने से होनेवाले सड़क हादसों के प्रति भी लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया गया. 17 जनवरी तक चलने वाले अभियान के दौरान हर बस स्टैंड में वाहन चालकों का मेडिकल जांच खासकर आंख, बीपी की जांच होगी. दो पहिया चालकों को बिना हेलमेट वाहन नहीं चलाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.