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Road Accidents In jharkhand 2020 : झारखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे, लेकिन जिलों में रोड सेफ्टी कमेटी की महीनों तक नहीं होती बैठक

झारखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे, लेकिन जिलों में रोड सेफ्टी कमेटी की महीनों तक नहीं होती बैठक नहीं

road accidents in jharkhand 2020, road accident in jharkhand 2020 statistics रांची : झारखंड में आये दिन सड़क हादसे होते रहते है. इन हादसों पर रोक लगाना चुनौती बनी हुई है. वर्ष 2020 में 24 जिलों में 3043 सड़क हादसे हुए. इसमें 3303 लोगों की मौत हुई. वर्ष 2019 में जनवरी से दिसंबर तक 3799 सड़क हादसे में 3818 लोगों की मौत हुई थी. यानी 2019 की अपेक्षा 2020 में सड़क हादसे कम हुए और लोगों की भी कम मौत हुई. लेकिन यह कोरोना काल में पांच माह से ज्यादा समय तक यात्री वाहनों पर रोक के कारण हुआ.

सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड में 18 जनवरी से रोड सेफ्टी अभियान चलाया जा रहा है. यह 17 फरवरी तक चलेगा. ऐसे में राज्य के 24 जिलों में बनी रोड सेफ्टी कमेटी की पड़ताल भी जरूरी है. हाल यह है कि वर्ष 2020 में 24 जिलों में से कई जिलों में रोड सेफ्टी कमेटी की एक या दो बैठकें ही हुई हैं.

नियमत: हर साल इस कमेटी की कम से कम 10 बैठकें होनी चाहिए. कमेटी के अध्यक्ष संबंधित इलाके के सांसद होते हैं. आलम यह है कि रांची, जमशेदपुर जैसे जिलों जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं, वहां भी नियमित बैठक नहीं हो रही है. रामगढ़ में वर्ष 2020 में एक बार बैठक हुई, जबकि रांची, गिरिडीह, चतरा व धनबाद में दो-दो बैठक की गयी.

वर्ष 2020 में जिलावार स्थिति road accident deaths in jharkhand

जिला कुल हादसा मौत रोड सेफ्टी बैठक

दुमका 229 169 08

सिमडेगा 105 88 07

लोहरदगा 79 56 07

कोडरमा 98 66 07

गोड्डा 82 60 06

देवघर 179 107 05

खूंटी 117 91 05

लातेहार 91 70 05

बोकारो 237 129 04

चाईबासा 176 129 04

जमशेदपुर 268 158 04

जामताड़ा 82 42 04

साहेबगंज 94 65 04

गढ़वा 177 91 03

हजारीबाग 276 217 03

पाकुड़ 66 50 03

पलामू 207 163 03

सरायकेला 171 124 03

धनबाद 343 207 02

चतरा 129 82 02

गिरिडीह 269 199 02

रांची 552 388 02

रामगढ़ 160 120 01

सड़क पर कहां कितने हादसे :

गोल चक्कर के पास : 01 प्रतिशत

तीनमुहान रास्ता : 02 प्रतिशत

चौराहे पर : 01 प्रतिशत

दोराहा : 05 प्रतिशत

पाेल व खूंटे के पास : 02 प्रतिशत

पोल से होनीवाली दुर्घटनाएं : 01 प्रतिशत

कलवर्ट : 01 प्रतिशत

ब्रिज : 03 प्रतिशत

सीधे रास्ते पर हादसा : 66 प्रतिशत

तीखे मोड़ पर हादसा : 17 प्रतिशत

नियम का उल्लंघन करने पर घटनाएं :

ओवर स्पीड : 89 प्रतिशत

मोबाइल फोन का इस्तेमाल : 02 प्रतिशत

रेड लाइट जंप : 01 प्रतिशत

रांग साइड से ड्राइविंग : 06 प्रतिशत

नशे में वाहन चलाने पर : 02 प्रतिशत

हर साल 10 बैठकें करने का है नियम, पर जिम्मेदार लोग हैं बेपरवाह

एक साल में रामगढ़ में एक बार और गिरिडीह, चतरा, धनबाद में सिर्फ दो बार हुई बैठक

सबसे ज्यादा हादसे तेज गति से

परिवहन विभाग के अनुसार, यातायात नियमों के उल्लंघन में ओवर स्पीड के सर्वाधिक 89 प्रतिशत मामले सामने आये है, जबकि सड़क हादसों से जुड़े कुल मामलों में 40 प्रतिशत घटना दोपहिया वाहनों से हाेने की बात सामने आयी है.

वहीं कार, जीप व वैन से 18 प्रतिशत के अलावा ट्रक व लॉरी से 17 प्रतिशत घटनाएं दर्ज की गयी हैं. सीधे रास्ते पर 66 व तीखे मोड़ पर 17 प्रतिशत सड़क हादसा हुआ है. सड़क हादसों में बिना हेलमेट के 90 प्रतिशत मामलों में नुकसान होता है, जबकि हेलमेट पहनने के बाद भी 10 प्रतिशत घटनाएं सामने आती हैं. इसी तरह सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने पर 86 प्रतिशत व सीट बेल्ट पहनने के दौरान सिर्फ 14 प्रतिशत घटनाओं में क्षति पहुंचती है.

Posted By : Sameer Oraon

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