रांची : पथ निर्माण विभाग अगले 25 वर्षों के विकास को ध्यान में रखते हुए राजधानी रांची सहित पूरे राज्य के लिए व्यापक निर्माण योजनाएं तैयार करने जा रहा है. इसके तहत वैज्ञानिक तरीके से सड़कों का जाल बिछेगा. साथ ही आरओबी, अंडरपास, फ्लाइओवर, शॉर्टकट रोड, बाइपास आदि बनाये जायेंगे. इन निर्माण योजनाओं से जुड़ी संभावनाएं तलाशने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जायेगी, जिसके लिए विभाग ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है.
चयनित कंसल्टेंट राजधानी रांची सहित पूरे राज्य की ‘कम समय में बेहतर रोड कनेक्टिविटी’ को लेकर व्यापक सर्वे करेगा. वह बतायेगा कि किस जगह से सड़क निकालना बेहतर होगा. कहां-कहां अंडरपास की जरूरत पड़ेगी. किस जगह पर पुल-पुलिया बनाना लाभकारी होगा. कंसल्टेंट की रिपोर्ट के आधार राज्य के इंजीनियर सर्वे करेंगे. उसके बाद विभाग इन योजनाओं को अंतिम रूप देगा.
राजधानी रांची के भीतरी हिस्से में रोड कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए विभागीय स्तर पर सर्वे शुरू हो गया है. विभाग के सचिव सुनील कुमार के निर्देश पर इंजीनियर लगातार शहर के भीतर नये रूट तलाशने की दिशा में काम कर रहे हैं. इस पर बात हुई है कि मौजूदा रिंग रोड की तरह इनर रिंग रोड नहीं बन सकता है.
ऐसे में जगह-जगह से इस तरह की सड़कें निकाली जायें, जो एक महत्वपूर्ण सड़क को दूसरे सड़कों से जोड़ कर सीधे रिंग रोड से मिला दे. इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी गाड़ी दूसरी सड़क पर जाने के लिए शहर के अंदर प्रवेश न करे, बल्कि बाहर ही बाहर निकल जाये.
फिलहाल कांके रोड को रातू रोड से जोड़ने की दिशा में काम हो रहा है. यानी कांके रोड के बीच से ही सड़क निकलेगी, जो पंडरा रोड पर आगे जाकर मिलेगी. वहीं, कांके रोड से दूसरी सड़क निकलेगी, जो हेसल इलाके को जोड़ देगी. इसके बाद वाहनों को कांके से रातू रोड-पंडरा रोड जाने के लिए रातू रोड चौराहा यानी शहर के अंदर नहीं आना पड़ेगा. रिम्स और बूटी मोड़ के बीच के इलाके से ओरमांझी-कांके-पिठोरिया जाने के लिए रिंग रोड पकड़ने की सीधी व्यवस्था होगी.
राज्य के सभी महत्वपूर्ण शहरों तक पहुंचने के लिए शॉर्टकट सड़कें निकालने पर प्रयास हो रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों को भी लेकर डेवलप किया जायेगा. नयी सड़कें निकाली जायेंगी. शहरों के लिए बाइपास बनेंगे. कुल मिला कर कनेक्टिविटी को साइंटिफिक तरीके से विकसित करना है.
सुनील कुमार, सचिव, पथ निर्माण
Posted by: Sameer Oraon