झारखंड: समय पर पूरी नहीं हुईं 749 किमी की सड़क योजनाएं तो केंद्र रोकेगा पैसे
पीएमजीएसवाइ की सड़कों के निर्माण में प्रति किमी 80 से 90 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. ऐसे में अगर 500 किमी सड़क का काम लंबित रहा, तो 400 से 450 करोड़ रुपये राज्य को वहन करने होंगे.
रांची : झारखंड में यदि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की लंबित योजनाओं को 31 मार्च तक पूरा नहीं किया गया, तो इसके आगे के खर्च की राशि केंद्र सरकार नहीं देगी. ऐसे में इन लंबित योजनाओं को राज्य सरकार को पूरा कराना होगा. फिलहाल राज्य में 749 किमी की कुल 184 सड़क योजनाएं लंबित हैं. ये योजनाएं पीएमजीएसवाइ वन और आरसीपीएलडब्ल्यूइए की हैं. पीएमजीएसवाइ वन की 43 योजनाएं कुल 123 किमी और आरसीपीएलडब्ल्यूइए की 141 योजनाएं यानी 626 किमी सड़क लंबित हैं. ये अलग-अलग जिलों में लंबित हैं. पीएमजीएसवाइ की सड़कों के निर्माण में प्रति किमी 80 से 90 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. ऐसे में अगर 500 किमी सड़क का काम लंबित रहा, तो 400 से 450 करोड़ रुपये राज्य को वहन करने होंगे.
समय पर काम पूरा करने का था निर्देश :
राज्य सरकार ने इन योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से पहले भी अतिरिक्त समय मांगा था. इसके बाद भारत सरकार ने समय अवधि बढ़ा दी थी और 31 मार्च 2024 तक काम पूरा करने का वक्त दिया. इस समय सीमा में भी योजनाएं पूर्ण नहीं होने की स्थिति में नहीं हैं. एक साल पहले तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर समय सीमा में काम नहीं हुआ, तो लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए राशि भारत सरकार नहीं देगी.
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