राजधानी की आबादी पिछले 20 वर्षों में दोगुनी हो चुकी है. इसके साथ ही सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बढ़ चला है. ऐसे में सड़कों को दुरुस्त रखना आवश्यक हो गया है, जिससे हादसे कम हों. लेकिन राजधानी के मुख्य इलाकों में ही मौजूद खतरनाक गड्ढों के कारण हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है. रिम्स-कोकर रोड और डंगराटोली चौक के पास से एंबुलेंस से लेकर आम चालकों, अफसरों व प्रतिनिधियों तक का गुजरना होता है. लेकिन यहां मौजूद गड्ढे कई महीनों से तस के तस हैं और इनकी मरम्मत की पहल नहीं की गयी. राजधानी में विभिन्न सड़कों पर ऐसे ना जाने कितने गड्ढे मौजूद हैं, जो महीनों बाद भी भरे नहीं गये हैं. इन गड्ढों में गिरकर आये दिन राहगीर भी चोटिल हो रहे हैं. पेश है रिपोर्ट.
डंगराटोली चौक के पास मंदिर के सामने से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं, लेकिन यहां आते ही गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो जाती है. क्योंकि सड़क खराब हो चुकी है और बड़ा सा गड्ढा बन गया है. इस कारण छोटी गाड़ियां किनारे से निकल जाती हैं और बड़ी गाड़ियों को मजबूरी में गड्ढे के बीच में से ही निकलना पड़ता है. वहीं हल्की सी बरसात होने पर यहां पानी भर जाता है और पता नहीं चलता है कि कितना बड़ा गड्ढा है. इस कारण दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है.
इस सड़क पर पिछले कई महीनों से गड्ढा बना हुआ है, लेकिन विभाग के किसी भी अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं गया है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गड्ढे के कारण कई बार छोटी गाड़ी, बाइक और स्कूटीवाले गिर चुके हैं. जिन्हें इसके बारे में पता है, वह तो बगल से गुजर जाते हैं, लेकिन जिन्हें अचानक ये गड्ढा नजर आता है, वह दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. इस सड़क से मंत्री और अधिकारी प्रतिदिन गुजरते हैं, लेकिन उन्हें आम लोगों की परेशानी नजर नहीं आती है.
वर्ष 2018 से 2020 के बीच गड्ढों के कारण हुए सड़क हादसों में 5,626 लोगों की मौत हो गयी. यह जानकारी केंद्र सरकार के आंकड़ों में दी गयी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2018, 2019 और 2020 में गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों की कुल संख्या क्रमशः 2,015, 2,140 और 1,471 थी.
डंगरा टोली चौक के पास गड्ढे के कारण रोज कोई न कोई गिरता है, वहीं पानी भरने के कारण बड़ी गाड़ियां इसमें फंस जाती हैं और उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है.
एसके रवि
डंगरा टोली चौक के पास ही मुख्य सड़क है, जहां से हजारों गाड़ियां गुजरती हैं. लेकिन खराब होने के कारण लोगों को परेशान रहना पड़ता है.
साजिद