झारखंड: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्कूल की भूमिका पर सेव द चिल्ड्रेन की रिपोर्ट

झारखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक स्कूलों की भूमिका पर कल यानी 16 दिसंबर (शुक्रवार) को सेव द चिल्ड्रेन की ओर से एक रिपोर्ट जारी की जायेगी. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.

By Mithilesh Jha | December 15, 2022 8:37 PM

Jharkhand News: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक स्कूल कितना जरूरी है. झारखंड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education in Jharkhand) देने में इनकी क्या भूमिका है. इस पर 16 दिसंबर 2022 (शुक्रवार) को इंटरनेशनल संस्था सेव द चिल्ड्रेन (Save The Children), जिसे बाल रक्षा भारत (Bal Raksha Bharat) के नाम से भी जाना जाता है, एक रिपोर्ट जारी करेगी. होटल रेडिशन ब्लू में शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो भी मौजूद रहेंगे.

बेसिक्स मजबूत करने पर 2019 से चल रहा है काम

सेव द चिल्ड्रेन की सुमी गुहा हल्दर (Soumi Guha Haldar) ने गुरुवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि सेव द चिल्ड्रेन वर्ष 2019 से ही बच्चों की बेसिक्स को मजबूत करने पर काम कर रहा है. यह संस्था स्कूल शिक्षा मंत्रालय, झारखंड शिक्षा परियोजना पर्षद और झारखंड सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर ‘बैक टू बेसिक्स’ परियोजना (Back To Basics Project) पर वर्ष 2019 से ही काम कर रही है.

Also Read: बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में जुटी है ‘सेव दि चिल्ड्रेन’ रूमी कुमारी को बनाया है ‘चाइल्ड चैंप’
शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है ‘बैक टू बेसिक्स’ का उद्देश्य

इस परियोजना का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना है, ताकि बच्चों का पढ़ने में मन लगे. उनका बौद्धिक विकास हो. प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए झारखंड सरकार के कई विभागों के साथ मिलकर इस संस्था ने दो जिलों गुमला और पश्चिमी सिंहभूम में काम किया है.

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर काम कर रहा सेव द चिल्ड्रेन

सेव द चिल्ड्रेन की ओर से बताया गया है कि झारखंड में अपनी पहुंच बढ़ाने और अपने अनुभवों के आधार पर बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में वह काम कर रहा है. उसका उद्देश्य 3 से 14 साल की बच्चियों और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, ताकि उनकी नींव मजबूत हो सके.

Also Read: बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में जुटी है ‘सेव दि चिल्ड्रेन’ रूमी कुमारी को बनाया है ‘चाइल्ड चैंप’
277 आंगनबाड़ी केंद्रों, 150 स्कूलों पर आधारित है रिपोर्ट

इस संस्था ने गुमला और पश्चिमी सिंहभूम के 277 आंगनबाड़ी केंद्रों और 150 स्कूलों में काम किया है. उन्हीं स्कूलों के प्रदर्शन पर शुक्रवार को सेव द चिल्ड्रेन की ओर से ‘क्वालिटी अर्ली एंड फाउंडेशन लर्निंग फॉर चिल्ड्रेन इन झारखंड’ विषय पर एक रिपोर्ट जारी की जायेगी. होटल रेडिशन ब्लू में होने वाले इस कार्यक्रम में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे. शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

Next Article

Exit mobile version