राजनीति के दिग्गजों के जीवन में मां की अहम भूमिका

राजनेताओं के जीवन में मां का खास महत्व है. इन राजनीतिज्ञों का कहना है कि मां के प्यार और आशीर्वाद ने हमेशा से राह दिखाने का काम किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 12, 2024 1:47 AM

मां का जीवन में अहम स्थान है भाजपा नेता आशा लकड़ा कहती हैं कि जीवन में मां का अहम स्थान है. बेशक मां स्व जयमनी देवी के साथ उनका जीवन बहुत लंबा नहीं चल सका. लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि आज भी मां उनके साथ हैं. वह स्वयं एक मां हैं. उनकी मां का देहांत तब हुआ, जब वह छह साल की थीं. लेकिन उन्होंने मां को देखकर जाना है कि मां ही दुनिया विशेष होती हैं. ठेस भी लगती है तो मां का ही शब्द निकलता है. मां का प्यार बहुत बड़ा होता है. मां ही हैं, जो बच्चों को मंजिल तक पहुंचाने का प्रयास करती हैं. उनकी मां बच्चों से बहुत प्रेम करती थी. चार भाई-बहनों को मां का बहुत प्रेम मिला. सबने मां से प्रेम बांटना सीखा. मां ने शिक्षा के लिए हमेशा प्रेरित किया अंबा प्रसाद की मां निर्मला देवी पूर्व विधायक रह चुकी हैं. तीन भाई-बहनों में अंबा सबसे बड़ी हैं. अंबा कहती हैं कि जीवन में मां बहुत बड़ा महत्व है. मां का किरदार जीवन में बहुत बड़ा रहा. बचपन से ही मां उनकी बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासरत रहीं. मां ने हमेशा चाहा कि वह बेहतर स्कूल में ही पढ़ाई करें. कार्मेल स्कूल से पढ़ाई की. उनकी मां उतनी पढ़ी-लिखी नहीं रहीं, लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को बखूबी समझा. मां ने उन्हें हमेशा ही अजादी दी. पिता जी को भी उनकी आजादी के लिए मनाया. उन्हें हजारीबाग से लेकर उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली तक भेजा. दिल्ली जाकर यूपीसससी तक की तैयारी में मां की भूमिका रही. पापा को हमेशा कहती रहीं कि बेटी आगे बढ़ेगी. यही कारण है कि आज मां के आशीर्वाद से आगे बढ़ रही हैं. मां हमेशा की तरह आज भी रोज उन्हें घर से तैयार कर भेजती हैं. हर उलझन को सुलझाती हैं मां पूर्व मेयर मेदिनीनगर डालटेनगंज अरुणा शंकर के लिए भी मां हमेशा से महत्वपूर्ण रही हैं. वह कहती हैं कि जब आप सक्रिय राजनीति में हैं, तो सेवा कार्य के साथ परिवार को क्वालिटी टाइम दे पाने में थोड़ी परेशानी होती हैं. लेकिन इसी में सामंजस्य बैठाना पड़ता है. अरुणा शंकर का कहना है कि जीवन में मां का स्थान कोई नहीं ले सकता और उनके जीवन में मां की बड़ी भूमिका है. जीवन के हर क्षण में मां ने संबलता प्रदान की और आगे बढ़ने का हौसला दिया.आज भी जब भी मन में कोई उलझन होती है, तो उसे सुलझाने के लिए पहले कोई याद आता है, तो वह मां ही होती हैं. वह महिला हैं, इस नाते मां की ममता के मर्म को नजदीक से जानती समझती हैं .इसलिए तमाम व्यस्तता के बीच भी अपने बच्चों को मां का प्यार भरपूर देती हैं, ताकि उन्हें नहीं लगे कि उन्हें मां की अपेक्षित ममता नहीं मिल पा रही है.अरुणा शंकर लोकसभा चुनाव प्रचार को लेकर एक्टिव मोड में हैं, फिर भी समय निकाल कर अपने परिवार के साथ कल मदर्स डे को जरूर सेलिब्रेट करेंगी.

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