Jharkhand news: झारखंड के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह उर्फ आरपीएन सिंह मंगलवार को BJP का दामन थाम लिये हैं. आरपीएन सिंह 2 बार झारखंड के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं. पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रही है. यही कारण कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम और आरजेडी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को 16 सीट दिलाने में कामयाब रहे हैं.
आलाकमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह को पहली बार 2017 में झारखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का कमान सौंपे थे. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इनके नेतृत्व में कांग्रेस ने राज्य में शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी को 16 सीट मिली. वहीं, हेमंत सरकार में पार्टी के 4 विधायकों को मंत्री पद दिलाने में अहम भूमिका निभायी. इसके अलावा उनकी पहल पर जेवीएम से आये दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हुए थे. राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने को देखते हुए आलाकमान ने उन्हें वर्ष 2020 में दूसरी बार प्रदेश प्रभारी का जिम्मा दिया था.
इधर, मंगलवार (25 जनवरी, 2022) की सुबह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा की. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से आरपीएन सिंह के BJP में जाने के कयास लगाये जा रहे थे और मंगलवार को उन्होंने इसकी पुष्टि भी कर दी. इसके कुछ समय बाद दोपहर में आरपीएन सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण किया.
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कांग्रेस से आरपीएन सिंह के इस्तीफे से झारखंड कांग्रेस में इसका असर दिखेगा, ऐसी चर्चा शुरू हो गयी है. वहीं, नये प्रदेश प्रभारी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा होने लगी है. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि कई पुराने चेहरों को एक बार फिर जगह मिल सकती है. इधर, झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरपीएन सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने को दुखद बताया.
श्री ठाकुर ने कहा कि आरपीएन सिंह का BJP में जाना भले ही उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन इस वक्त पार्टी को आरपीएन सिंह जैसे नेता की जरूरत है और इस वक्त पार्टी छोड़कर जाने का उनका निर्णय सही नहीं है. वहीं, भाजपा ने आरपीएन सिंह के BJP की सदस्यता लेने पर बधाई देते हुए कहा कि समय रहते उन्होंने अच्छा कदम उठाया है. उनका निर्णय स्वागतयोग्य है.
Posted By: Samir Ranjan.