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शताब्दी वर्ष की तैयारी में जुटा RSS, झारखंड में चल रहीं संघ की 838 शाखाएं

संजय कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर 42613 स्थानों पर कुल 68651 शाखा, साप्ताहिक मिलन 26877 और मंडली 10412 चल रही हैं. झारखंड में संघ की दृष्टि से चार महानगरों में कुल 52 स्थानों पर 97 विद्यार्थी शाखा चल रही है.

वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. शताब्दी वर्ष को लेकर संघ प्रांत के सभी मंडल/बस्ती कार्ययुक्त करने की दिशा में अग्रसर है. यह बातें शनिवार को संघ कार्यालय में पत्रकारों के बातचीत करते हुए प्रांत कार्यवाह संजय कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष से पहले संघ सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण एवं नागरिक कर्तव्य पर जागरूकता की दिशा में कार्य कर रहा है, ताकि समाज में परिवर्तन संभव हो सके.

सेवा कार्य तथा कुटुंब प्रबोधन का कार्य महिलाओं के सहयोग के बिना संभव ही नही है. उन्होंने बताया कि संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस वर्ष 12-14 मार्च को हरियाणा के समालखा में संपन्न हुई. इसमें ‘स्व’ आधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प का प्रस्ताव पारित हुआ. राष्ट्र के नवोत्थान के लिए हमें परिवार संस्था का दृढ़ीकरण, बंधुता पर आधारित समरस समाज का निर्माण तथा स्वदेशी भाव के साथ उद्यमिता का विकास आदि उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विशेष प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष लोहरदगा में तय हुआ है.

झारखंड में 540 स्थानों पर संघ की लग रही 838 शाखा : संजय कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर 42613 स्थानों पर कुल 68651 शाखा, साप्ताहिक मिलन 26877 और मंडली 10412 चल रही हैं. वही झारखंड में संघ की दृष्टि से चार महानगरों में कुल 52 स्थानों पर 97 विद्यार्थी शाखा और 125 व्यवसायी शाखा यानी कुल 222 शाखा चल रही है. जबकि ग्रामीण 24 जिलों में 488 स्थानों पर 454 विद्यार्थी और 162 व्यवसायी शाखा यानी 616 शाखा चल रही है.

महानगर और ग्रामीण जिलों को यदि जोड़ दे, तो झारखंड में कुल 540 स्थानों पर 838 दैनंदिन शाखा कार्यशील है. इन 838 शाखाओं में से 122 वैसी शाखा हैं, जो स्थानीय स्तर पर समाज के लिए कोई न कोई उपक्रम चला रही हैं. उन्होंने बताया कि संघ द्वारा सप्ताह में चलने वाले मिलन की संख्या 523 है, जबकि माह में लगनेवाली संघ मंडली की संख्या 166 है.

प्रशिक्षण की दृष्टि से पिछले वर्ष कुल 34 प्राथमिक वर्ग आयोजित हुए, जिनमें 3031 स्वयंसेवकों ने, जबकि प्रथम वर्ष में कुल 302 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. झारखंड के 1264 मंडल, 847 बस्ती, यानी कुल – 2111 मंडल / बस्तियों में एक ही दिन एकत्रीकरण व सम्मेलन हुआ. इसमें 122084 लोग शामिल हुए. मौके पर क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय कुमार आजाद मौजूद थे .

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