रांची. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आनुषंगिक संगठन गंगा समग्र राजधानी सहित राज्य के नदी-तालाब को प्रदूषण मुक्त कर पुनर्जीवित करेगा. इसे लेकर राज्यभर में अभियान चलायेगा. प्रांत संगठन मंत्री अंबरीष ने बताया कि वाटर बॉडी को बचाने के लिए संघ प्रयासरत है. इसे लेकर कई राज्यों में अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में झारखंड के सरोवर, नदी को संरक्षित करने का प्रयास समाज के लोगों के साथ किया जायेगा. सरकार व दूसरे उपक्रमों के साथ समन्वय कर काम को आगे बढ़ाया जायेगा. सोमवार को मनधीराम महतो की अध्यक्षता में समग्र गंगा के पदाधिकारियों की बैठक विकास भारती कार्यालय में हुई. इसमें कहा गया कि संगठन रांची महानगर के सभी सरोवरों, तालाबों एवं नदियों की अविरलता, निर्मलता एवं संरक्षण हेतु जनांदोलन शुरू करेगा. श्री अंबरीष ने कहा कि रांची में कई सरोवर हैं, जिन पर नगर निगम ने अच्छा काम किया है. सरोवर पक्के कराये गये हैं. पेड़-पौधों से सुसज्जित हैं, लेकिन पानी काला और बदबूदार है. पाॅलीथीन और कचरा तालाब में डाला जा रहा है. सांस्कृतिक पहचान बड़ा तालाब में घरों की मल-मूत्र युक्त नालियां गिर रही हैं. रांची की धरोहर स्वर्णरेखा नदी नाला बन गयी है. इक्कीस महादेव धाम, चुटिया में नदी की दुर्दशा हो गयी है. शहर के बड़े-बड़े दुर्गंध युक्त नाले सीधे नदी में गिर रहे हैं. ये जहरीला पानी न केवल लोगों के स्वास्थ्य को नष्ट कर रहा है बल्कि सामान्य जीव-जंतुओं को बीमार कर रहा है. प्रांत संगठन मंत्री ने कहा कि नदियों के अविरल प्रवाह, स्वच्छ जल, तालाबों के संरक्षण और अतिक्रमण मुक्त बनाने हेतु राज और समाज दोनों मिलकर काम करें, तो जल स्रोतों को बचाया जा सकता है. अर्पण और तर्पण में जल की आवश्यकता होती है. अपने इन जल धरोहरों को बचाकर ही हम अपनी पवित्र जलीय संस्कृति को बचा सकते हैं. बैठक को डॉ रत्नेश मिश्रा, अशोक प्रधान और उदय सिंह ने संबोधित किया.
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