झारखंड में बिना मान्यता के चल रहे हैं 5956 स्कूल, जानें RTE के तहत क्या है प्रावधान
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप कक्षा एक से आठ तक के विद्यालय संचालन के लिए आरटीइ के प्रावधान के अनुरूप मान्यता लेना आवश्यक है. मान्यता नहीं लेने पर स्कूलों पर कार्रवाई का प्रावधान है
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्तर तक के 5956 विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं. स्कूल प्रबंधन बिना मान्यता के ही बच्चों का नामांकन ले रहे हैं. जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत स्कूलों को पहले मान्यता लेना है, फिर नामांकन. बिना मान्यता प्राप्त इन विद्यालयों में आठ लाख से अधिक बच्चे नामांकित हैं.
विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट (वर्ष 2022-23) के अनुसार इन विद्यालयों में 853648 बच्चे नामांकित है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप कक्षा एक से आठ तक के विद्यालय संचालन के लिए आरटीइ के प्रावधान के अनुरूप मान्यता लेना आवश्यक है. मान्यता नहीं लेने पर स्कूलों पर कार्रवाई का प्रावधान है. स्कूलों को बंद किया जा सकता है. राज्य में वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है. शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूलों के मान्यता को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया जाता है. इसके बाद भी पांच हजार से अधिक स्कूल प्रबंधन ने मान्यता नहीं ली है.
कक्षा आठ तक के 3734 विद्यालय :
राज्य में सबसे अधिक 766 बिना मान्यता के विद्यालय रांची में संचालित है. इनमें कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय 227 व कक्षा एक से आठ तक के 416 विद्यालय है. इन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आगे नामांकन में परेशानी होती है.
चतरा में सबसे कम 57 स्कूल :
चतरा में बिना मान्यता के सबसे कम 57 विद्यालय संचालित हैं. इनमें कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय 24 व कक्षा एक से आठ तक के 32 विद्यालय है.
रांची में एक लाख से अधिक विद्यार्थी :
रांची में बिना मान्यता के संचालित विद्यालयों में एक लाख से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, रांची में इन विद्यालयों में कुल 123248 विद्यार्थी नामांकित है.