विशेष संवाददाता (रांची). रांची विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के विरुद्ध रांची विवि ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दिया है. रांची विवि द्वारा हाइकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने व निरस्त करने की मांग की गयी है. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को रांची विवि बनाम मनीष पटवारी एसएलपी (30995/2024) स्वीकार भी कर लिया गया है. मामले की सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है.
रांची विवि प्रशासन ने इस सत्र से इंटर में नामांकन पर लगा दी रोक
झारखंड एकेडमिक काउंसिल व शिक्षा विभाग ने डिग्री कॉलेजों में दो से तीन वर्ष के अंदर सीट घटाते हुए इंटरमीडिएट की पढ़ाई समाप्त करने की बात कही थी. जबकि दूसरी तरफ यूजीसी व नैक ने अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट को अलग करने का सख्त निर्देश दिया है. इस स्थिति में रांची विवि प्रशासन ने यूजीसी व नैक के नियमानुसार इस सत्र से इंटर में नामांकन पर रोक लगा दी. इसके विरुद्ध इंटरकर्मियों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 27 जून 2024 को झारखंड हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए रांची विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में नामांकन लेने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने रांची विवि को निर्देश देते हुुए कहा था कि यह मामला याचिका के अंतिम फैसले से प्रभावित होगा. मामले की सुनवाई आठ अगस्त को निर्धारित की गयी. रांची विवि प्रशासन ने हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है