रिम्स में नियम बदल मेरिट की अनदेखी, कम अंकवाले हुए नियुक्त
रिम्स में तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति में गड़बड़ी
रांची : रिम्स में जिन पदों के लिए नियुक्ति नियमावली नहीं है, उन पदों पर एम्स की शर्तों के अनुसार, नियुक्ति करने का फैसला किया गया था. हालांकि, बाद में मनपसंद उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए शर्तों में बदलाव किया गया. इससे अधिकांश रिक्त पदों पर आउटसोर्सिंग के सहारे काम करनेवाले लोग चुन लिये गये.
ज्यादा नंबर लानेवालों के बदले कम नंबर पानेवाले लोगों को नियुक्त किया गया. गड़बड़ी की जांच के लिए गठित समिति को रिम्स के अधिकारियों ने पूरे दस्तावेज भी नहीं दिये. अब नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी कर चुने गये लोगों को नियुक्ति पत्र देने का प्रस्ताव रिम्स शासी परिषद में पेश करने की तैयारी की गयी है.
रिम्स में तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति में हुई गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर राज्य सरकार ने जांच के लिए समिति का गठन किया. जांच के दौरान रिम्स के अधिकारियों ने समिति को 17 पदों पर हुई नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्तों से संबंधित फाइल ही नहीं दी.
इससे समिति को पता नहीं चल सका कि इन 17 पदों पर किन शर्तों के आधार पर नियुक्ति की गयी है. जांच के दौरान 16 पदों पर नियुक्ति के दौरान शर्तों में बदलाव किये जाने का मामला प्रकाश में आया. जांच में पाया गया कि जिन पदों पर नियुक्ति के लिए रिम्स की अपनी नियमावली नहीं है, उन पदों पर एम्स की शर्तों के अनुरूप नियुक्ति का फैसला किया गया. हालांकि, विज्ञापन प्रकाशित करते समय ही इन शर्तों को बदल दिया गया.
एम्स के मुकाबले कुछ शर्तों में ढील दे दी गयी और कुछ पदों के लिए 500 बेडवाले अस्पताल में तीन से पांच साल तक काम करने का अनुभव जोड़ दिया गया. इस बदलाव की वजह से मनपसंद लोगों को नियुक्त करने में कामयाबी मिली.
1. रिम्स में सीनियर रेडियोग्राफर के पद पर एम्स में नियुक्ति के लिए बीएससी(ऑनर्स) और किसी विश्वविद्यालय से रेडियोग्राफी में तीन साल के कोर्स का होना जरूरी है, लेकिन रिम्स में इसमें बदलाव करते हुए 10 प्लस टू की शैक्षणिक योग्यता और 500 बेड वाले अस्पताल में पांच साल के अनुभव को जोड़ दिया गया. इस तरह का बदलाव कुल 16 पदों पर मनपसंद लोगों को नियुक्त करने के लिए किया गया. फार्मासिस्ट और ड्रेसर के पद पर नियुक्ति और प्रोन्नति से संबंधित रिम्स की अपनी नियमावली है, लेकिन इन पदों पर भी नियुक्ति के लिए शर्तों में बदलाव किया गया.
2. जांच समिति को लेबोरेट्री टेक्नीशियन की नियुक्ति के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने के सबूत मिले हैं. जांच में पाया गया कि अधिक नंबर पानेवालों को छोड़ कर कम नंबर पानेवालों को नियुक्त किया गया. मिसाल के तौर पर भुवन भास्कर को 47.5 और राजीव कुमार के 46 नंबर मिला, लेकिन इस पद के लिए भुवन के बदले राजीव का चयन किया गया. इसी तरह 46 नंबर पानेवाले रत्नेश के बदले 45 नंबर पानेवाले दीपक कुमार को चुना गया. ऐसे कई उदाहरण हैं.
जिन पर पद नियुक्ति के लिए एम्स की निर्धारित शर्तों को बदला गया
– स्टेटिस्टिकल असिस्टेंट
– मोडेलर
– लेडी सुपरिंटेंडेंट
– गैस मैकेनिक
– सीनियर रेडियोग्राफर
– इसीजी टेक्नीशियन
– लाइब्रेरियन
– जूनियर मेडिकल रिकॉर्ड अफसर
– रेडियोथेरेपी टेक्नोलॉजिस्ट
– डेंटल मैकेनिक
– डेंटल हाइजेनिस्ट
– डार्क रूम असिस्टेंट
– लेबोरेट्री टेक्नीशियन
– फिजियोथेरेपिस्ट
– अकुपेशनल थेरेपिस्ट
जिन पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्तों की जानकारी नहीं दी गयी
– इइजी टेक्नीशियन
– आइसोटॉप स्कैनर
– सीनियर एक्सरे टेक्नीशियन
– रेडियो मैकेनिक
– एक्स-रे मैकेनिक
– म्यूजियम केयर टेकर
– ऑडियो विजुअल टेक्नीशियन
– टेलर की नियुक्ति
– सेक्रेटरी टू डीन
– हैवी ह्वीकल ड्राइवर
– असिस्टेंट लाइब्रेरियन
– आर्टिस्ट
– रेडियो थेरेपर
– वेंटिलेटर टेक्नीशियन
– परफ्यूजनिस्ट
– रिसेप्शनिस्ट
– असिस्टेंट नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट
मुझे गाड़ी का शौक नहीं : बन्ना गुप्ता
रिम्स के बजट से मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने के एजेंडे पर अपनी सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मुझे गाड़ी का कोई शौक नहीं है. सरकार ने मुझे मंत्री होने के नाते गाड़ी दी है, वह काफी है. मंत्री ने कहा : पूर्व के निदेशक डीके सिंह ने शायद पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री के लिए यह प्रस्ताव रखा था. मेरे पास जब एजेंडा आया, तब उसमें छात्रों के अाने-जाने के लिए वाहन खरीदने की बात थी. उसमें मंत्री के लिए वाहन खरीदने की बात मैं नहीं देख सका. रिम्स शासी परिषद की बैठक में मैं इस प्रस्ताव को रद्द कराऊंगा. उन्होंने कहा कि जानबूझकर मीडिया में इसे हाइलाइट किया गया, ताकि मुझे बदनाम किया जा सके.
posted by : sameer oraon