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गोदाम बनाने के नाम पर फूंक दी गयी करोड़ों की राशि

राज्य में सरकारी राशि का दुरुपयोग किस कदर हो रहा है, रातू प्रखंड के फेटा गांव में राज्य खाद्य निगम की ओर से एक करोड़ की लागत से बनाया गया एफसीआइ का गोदाम इसका उदाहरण है.

रातू. राज्य में सरकारी राशि का दुरुपयोग किस कदर हो रहा है, रातू प्रखंड के फेटा गांव में राज्य खाद्य निगम की ओर से एक करोड़ की लागत से बनाया गया एफसीआइ का गोदाम इसका उदाहरण है. चार वर्ष पूर्व बने इस गोदाम के शीशे टूटने लगे हैं और जंग लगने से गेट की स्थिति जर्जर होने के कगार पर है. इस गोदाम को देखनेवाला कोई नहीं है. एफसीआइ के इस गोदाम का निर्माण वर्ष 2020-21 में तत्कालीन झारखंड सरकार के संसदीय कार्य, खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्र सरयू राय की अनुशंसा पर हुआ था. गोदाम का निर्माण रातू प्रखंड मुख्यालय से करीब चार किमी की दूरी पर किया गया, लेकिन चार वर्ष बीतने के बाद भी एफसीआइ का अनाज वहां शिफ्ट नहीं किया गया. बताया जाता है कि जिस स्थानों पर गोदाम का निर्माण हुआ है, वहां सुरक्षा का किसी तरह का इंतजाम नहीं है. गोदाम के निर्माण में संवेदक की ओर से भी लापरवाही बरती गयी है. गोदाम में राशन उतारने के लिए जहां सीढ़ियों का निर्माण किया गया है, वहां मिट्टी तक नहीं भरी गयी है. अब चार साल बाद गोदाम की सूरत भी बदलने लगी है. गोदाम के चारों ओर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आयी है, वहीं कई खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं. इतना ही नहीं, गेट भी जंग खा रही है. इधर, सरकारी राशन का भंडारण वर्तमान में रातू प्रखंड स्थित पुराने और जर्जर गोदाम में किया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों से तो गोदाम के एक भाग को प्रखंड मुख्यालय के सभागार में चलाया जा रहा है.

क्या कहते हैं बीएसओ

बीएसओ अभिषेक कुमार ने कहा की फेटा में निर्मित गोदाम की जानकारी उन्हें लोगों से मिली है, लेकिन विभागीय तौर पर उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गयी है. जब तक विभागीय तौर पर गोदाम की चाबी राशन भंडारण के लिए उन्हें नहीं मिल जाती है, तब तक वह कुछ भी करने में सक्षम नहीं हैं.

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