रांची. सुपरस्पेशियलिटी रांची सदर अस्पताल 15 साल बाद आखिरकार शुरू कर दिया गया. 378 करोड़ की लागत, हाइकोर्ट की लगातार फटकार और 100 से ज्यादा सुनवाई के बाद मंगलवार को इसका उद्घाटन कर दिया गया. हैंडओवर लेने के ठीक 140 दिन बाद जब तामझाम के बाद इसे आम जनता को समर्पित किया गया, तो उस कार्यक्रम में विभागीय मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, सांसद और विधायक में से कोई माननीय नहीं पहुंचे. 11 बजे के कार्यक्रम को एक बजे किया गया. लंबे इंतजार के बाद जब रिबन काटने के लिए कोई नहीं पहुंचा, तो आखिरकार सादे समारोह के बीच सिविल सर्जन को खुद ही उद्घाटन करना पड़ा.
मंत्री ने खुद को बीमार बताया, निजी सचिव भी बीमार
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को कार्यक्रम में शामिल होकर हॉस्पिटल का उद्घाटन करना था, लेकिन वह नहीं आ सके. बाद में उन्होंने खुद के अस्वस्थ होने की बात कही. उनके निजी सचिव से जब अनुपस्थित होने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हमें किसी कार्यक्रम की जानकारी नहीं है. बीमार होने के कारण अवकाश पर हूं. मंत्री जी संभवत: रांची में हैं.
स्वास्थ्य सचिव भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में रहे व्यस्त
स्वास्थ्य सचिव के कार्यालय सचिव को आमंत्रण पत्र भेजा गया था. मंगलवार को वह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में व्यस्त रहे. देर शाम कॉल करने के बाद वह व्यस्त दिखे और उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.
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‘मैं पार्लियामेंट में, मुझे सूचना ही नहीं’
सांसद संजय सेठ ने कहा कि जिस अस्पताल को बनाने और उसे शुरू कराने को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी, उसका उद्घाटन हो गया. लेकिन इसकी जानकारी हमें नहीं है.
‘सूचना देर से मिली, वरना रास्ते से लौट आता’
विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कहा कि अस्पताल के उद्घाटन इसकी सूचना सोमवार को देर से मिली थी. सिविल सर्जन ने सूचित किया था, लेकिन रास्ते से लौटना संभव नहीं था. सालाना आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में गांव आ जाने के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका.