रांची: रांची सदर अस्पताल के नये भवन का निर्माण मानक के अनुरूप किया गया है. स्वास्थ्य विभाग 500 बेड की क्षमतावाले इस अस्पताल के शेष हिस्से को भी हैंडओवर ले सकता है. यह सुझाव सदर अस्पताल के संचालन के लिए बनी कमेटी ने निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में दिया है. कमेटी ने 11 पन्नों की यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी दी है. इससे पहले 23 सितंबर को झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड प्रबंधक सह कार्यपालक अभियंता भी नवनिर्मित भवन के बाकी हिस्सों को हैंडओवर लेने की अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग से कर चुके हैं.
रांची सदर अस्पताल के नये भवन (500 बेड वाले नये सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल) का निर्माण एनबीसीसी और विजेता प्रोजेक्ट्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड ने किया है. इसमें 200 बेड के साथ मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट का संचालन वर्ष 2019 शुरू हो चुका है. इसमें आइसीयू, एचडीयू, एनआइसीयू और पीआइसीयू जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. नवनिर्मित भवन के शेष हिस्से में (300 बेड पर) स्वास्थ्य सेवाएं शुरू होने का इंतजार लंबे समय से हो रहा है.
इधर, इसी महीने की शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय कमेटी बनायी गयी, जिसने अस्पताल के निर्माण और अन्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया. रिपोर्ट में कमेटी ने लिखा है कि इस भवन में सभी तरह के निर्माण कार्य सुपरस्पेशियलिटी हाॅस्पिटल की तर्ज पर ही हुए हैं.
कमेटी ने नये भवन में लगी अत्याधुनिक मशीनें के लिए स्किल्ड मैनपावर की जरूरत बतायी है. साथ ही पर्याप्त मानव बल उपलब्ध कराने के लिए विभागवार लिस्ट दी है. नये भवन के सातवें तल पर सात ओटी का निर्माण किया गया है. यहां विशेष क्षेत्र होने के कारण कमेटी सदस्यों ने ओटी एरिया के ग्लास डोर को ऑटोमेटिक बनाने का सुझाव भी दिया है.
रांची सदर अस्पताल के संचालन को लेकर अवमाननावाद हाइकोर्ट में चल रहा है. हाइकोर्ट 11 नवंबर को इस मामले में सुनवाई करने वाला है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग को 31 अक्तूबर तक बचे हुए सभी कार्यों को पूरा कर हाइकोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.