सदर अस्पताल रांची में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने की तैयारी चल रही है. नये भवन को हैं. डओवर लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग यहां चिकित्सा सेवा बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के तय मानकों (आइपीएस नॉर्म्स) के अनुरूप अस्पताल को मॉडल रूप देगा. वहीं, बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जायेगा. इसका लाभ सीधे तौर पर मरीजों को मिलेगा. यानी निकट भविष्य में यहां मरीजों को निजी अस्पतालों की तरह चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी.
अस्पताल प्रबंधन पहले चरण में सेंट्रल इमरजेंसी, ओपीडी, पैथोलॉजी विभाग, फार्मेसी व रेडियोलॉजी विभाग को पुराने भवन से नये भवन में शिफ्ट करेगा. इमरजेंसी में 30 बेड की व्यवस्था की जायेगी. इसके अलावा अन्य सेवाओं को भी व्यवस्थित किया जायेगा. इसके लिये उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार खेतान के नेतृत्व में टीम बनायी गयी है
अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर एक लाख वर्गफीट में सुविधाएं विकसित होंगी. सामान्य मरीजों का इलाज यहीं पर होगा. पहले चरण में ग्राउंड फ्लोर से इसकी शुरुआत होगी. हड्डी, फिजियो, नेत्र, स्त्री एवं प्रसूति रोग सहित पांच विभाग यहां संचालित होंगे. जबकि, सात अन्य ओपीडी को दूसरे और तीसरे तल्ले पर विस्तार दिया जायेगा. आगे मैनपावर मिलते ही बेड की संख्या बढ़ायी जायेगी.
फिलहाल भीड़ के कारण मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके तहत इमरजेंसी, टीकाकरण तथा कोविड-19 जांच की व्यवस्था भी नये सुपर स्पेशियालिटी विंग में होगी. वहां पर्याप्त जगह होने के कारण मरीजों को जांच और इलाज कराने में सहूलियत होगी.
सदर अस्पताल में सितंबर माह में कुल 33,027 मरीजों ने इलाज कराया. वहीं, इमरजेंसी में प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो सौ मरीज आते हैं. इनमें तकरीबन 25 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जाता है.
विभाग संख्या
शिशु रोग 1803
मेडिसिन 3,173
यूरोलॉजी 57
पिडियाट्रिक सर्जरी 23
स्किन 3,265
नेत्र 1051
डॉग बाइट 4,516
फिजियोथेरेपी 450
स्त्री एवं प्रसूति रोग 4,638
नया भवन बनकर तैयार है. मैनपावर व उपकरणों के इंतजाम किये जा रहे हैं. अस्पताल में भीड़ होने के चलते नये सुपर स्पेशियालिटी विंग में इमरजेंसी व ओपीडी को शिफ्ट करने की प्रारंभिक योजना है.
डॉ विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची