25 दिनों के बाद आज से काम पर लौटेंगी झारखंड की 42 हजार सहिया, स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन पर मानीं
Sahiya Strike In Jharkhand: झारखंड की कुल 42,000 सहियाओं की 25 दिनों से चल रही हड़ताल स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन के बाद गुरुवार को टूट गयी. अब वह अपने-अपने काम पर लौटेंगी.
Sahiya Strike In Jharkhand: झारखंड की कुल 42,000 सहियाओं की 25 दिनों से चल रही हड़ताल स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन के बाद गुरुवार को टूट गयी. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव आलोक त्रिवेदी से संघ का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मिला. विभाग की ओर से बताया गया कि संघ की मांगों पर विभाग सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा. वहीं, प्रोत्साहन राशि बढ़ाये जाने के लिए मंत्री द्वारा केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है. साथ ही कोविड प्रोत्साहन राशि अविलंब देने के लिए सभी जिला को निर्देश दिया जायेगा. जबकि, शेष मांगों पर भी विचार किया जायेगा.
मोरहाबादी मैदान में किया प्रदर्शन
इसके पूर्व गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर रांची सहित पूरे झारखंड की सहियाओं और सहिया साथी ने गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में जम कर प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के आवास का घेराव करने हजारों की संख्या में जा रही सहिया जैसे ही मोरहाबादी मैदान से पैदल मार्च करते हुए निकली, उन्हें प्रशासन द्वारा मोरहाबादी स्थित डीसी आवास के निकट रोक दिया गया. इस दौरान वे जम कर नारेबाजी करती रही. सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक वे सड़कों पर बैठी रही. इस दौरान पुलिस की तैनाती की गयी थी. झारखंड प्रदेश सहिया संघ की प्रदेश अध्यक्ष पंपा मंडल और प्रदेश सचिव माया सिंह ने कहा कि आश्वासन के बाद हड़ताल तोड़ी जा रही है. शुक्रवार से हम सभी काम पर लौटेंगे.
जान पर खेल कोरोना में किया काम
आंदोलन के दौरान सड़कों पर बैठी सहियाओं ने कहा कि हमारी जान-जान नहीं है क्या. कोरोना के दौरान जब सभी घर में थे, तब भी हमलोगों ने जान पर खेल कर काम किया. सहिया को मात्र 2,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. प्रोत्साहन राशि के बदले फिक्स्ड मानदेय 18,000 रुपये दिया जाये.
यह हैं मांगे
उनकी मांगों में फिक्स्ड मानदेय 18,000 रुपये, सहिया एवं सहिया साथी को राज्यकर्मी का दर्जा, कार्य अनुभव के आधार पर सहियाओं को एएनएम प्रशिक्षण देकर निुयक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण, साल में दो बार ड्रेस या 2,000 रुपये देने, सहियाओं को अनुकंपा का लाभ आदिदेने की मांग की गयी.
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