रांची, अभिषेक रॉय. साईं नाथ यूनिवर्सिटी में मंगलवार को आठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. इस दौरान बीएड, पीएचइ, एग्रीकल्चर साइंस, फार्मेसी, बिजनेस मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, लॉ, पारा मेडिकल व नर्सिंग (तीन सत्र) के 1200 विद्यार्थियों के बीच डिग्री बांटी गयी. मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने टॉपर विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा. राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद व पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेकर विद्यार्थियों को लक्ष्य के लिए हौसले की उड़ान भरने की बात कही.
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद विद्यार्थी के जीवन की असली परीक्षा शुरू होती है. करियर बनाने की दिशा में उत्साह और जोश बनाये रखना जरूरी है. उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल कर समाज के विकास में सहयोग करने की बात कही. कार्यक्रम में कई विद्यार्थी शामिल नहीं हो सके, उनकी जगह अभिभावकों ने डिग्री ग्रहण की. दीक्षांत समारोह में विषयवार टॉपर 60 विद्यार्थियों को गोल्ड और 60 को सिल्वर मेडल दिया गया. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 25 विद्यार्थियों को भी गोल्ड मेडल दिया गया. वीसी डॉ एसपी अग्रवाल ने यूनिवर्सिटी की वार्षिक रिपोर्ट पेश की और वार्षिक पत्रिका जारी की.
राज्यपाल ने कहा कि इन दिनों शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है. निजी शिक्षण संस्थान छात्रों को ग्राहक के रूप में देखते हैं. यह चिंता की बात है. इस दिशा में संवेदनशील बनना होगा. ताकि, भारत की प्राचीन वैभवशाली शिक्षा प्रणाली के गौरव को वापस लाया जा सके. उन्होंने शिक्षण संस्थानों को सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए आसपास के गांवों के विकास में सहयोग करने, आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभावान विद्यार्थियों को निःशुल्क या कम शुल्क में शिक्षा देने की बात कही. ताकि, कोई भी छात्र पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित न रह सके. शिक्षण संस्थानों में यूजीसी के निर्धारित मापदंडों का हर हाल में पालन करने को कहा.
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उन्होंने सभी विवि को नयी शिक्षा नीति लागू करने को कहा. राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी की ओर से उन्नत भारत अभियान के तहत आस-पास के गांवों को गोद लेने और उनके विकास में सहयोग करने की सराहना की. विधानसभा अध्यक्ष डॉ रबींद्रनाथ महतो ने विद्यार्थियों को खुद का मूल्यांकन करते रहने की प्रेरणा दी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को लोकतंत्र का प्रतिनिधि बनने की दिशा में भी आगे आने की जरूरत है.