ranchi news : सारी शक्ति, मन और आत्मा से ईश्वर को प्यार करें : फादर विनय
संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापिका के अवशेषों की हड़गड़ी की बरसी पर संत अन्ना धर्मसंघ के मूलमठ में विकास मेला लगा.
संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापिका की हड़गड़ी की बरसी पर लगा विकास मेलारांची. संत अन्ना धर्मसंघ की संस्थापिका के अवशेषों की हड़गड़ी की 29वीं बरसी पर रविवार से संत अन्ना धर्मसंघ के पुरुलिया रोड स्थित मूलमठ में विकास मेला लगाया गया. धर्मसंघ की संस्थापिका ईश सेविका माता बेर्नादेत किस्पोट्टा व उनकी सहयोगी माता सिसिलिया, माता वेरोनिका और माता मेरी के अवशेषों को 1995 में कब्रिस्तान से मूलमठ में लाकर हड़गड़ी के रूप में रखा गया था. इस अवसर पर सुबह छह बजे चैपल में विशेष आराधना हुई. आराधना में मुख्य अनुष्ठाता फादर विनय केरकेट्टा थे. फादर निकोलस टेटे और फादर इग्नेसियुस तिर्की ने सहयोग किया. फादर विनय केरकेट्टा ने कहा कि आज का पाठ वचन कहता है कि अपनी सारी शक्ति, अपने सारे मन, दिल और आत्मा से ईश्वर को प्यार करें. और ईश्वर के साथ-साथ हमें अपने पड़ोसी को भी प्यार करने की जरूरत है. उन्होंने अपने जीवन के एक दृष्टांत को साझा करते हुए बताया कि जब वे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया. उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि पिता के दर्शन के लिए आ सके. तब उनके दोस्तों ने पैसे इकट्ठे कर दिये और मैं अपने पिता का अंतिम दर्शन कर सका.
ये थे उपस्थित
मिस्सा अनुष्ठान के दौरान संत अन्ना धर्मसमाज की सुपीरियर जेनरल सिस्टर लिली ग्रेस तोपनो, सिस्टर सोसन बाड़ा, सिस्टर सुजाता कुजूर, मूल मठ की सुपीरियर सिस्टर सिसिलिया बाड़ा, सिस्टर सेलिन बाड़ा, उर्सुलाइन सिस्टर जूलिया जॉर्ज सहित रांची, गुमला, जलपाईगुड़ी और मध्यप्रदेश प्रोविंस की धर्मबहनें उपस्थित थीं.विकास मेला में आर्ट और क्राफ्ट की वस्तुएं उपलब्ध
विकास मेला में धर्मसमाज की बहनों और उनके द्वारा संचालित महिला समूहों द्वारा कई स्टॉल लगाये गये थे. इनमें आर्ट एंड क्राफ्ट की वस्तुएं, रूमाल, पुरोहितों के वस्त्र, शॉ़ल, अचार, बैग, बेडशीट व जड़ी बूटियों से तैयार दवाएं और तेल उपलब्ध हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है