झारखंड में अब ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षकों का वेतन रोका जायेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग (Department of School Education and Literacy) द्वारा इस संबंध में सभी जिलों को पत्र भेजा गया है. पत्र में कहा गया है कि सभी शिक्षकों को जनवरी से ई विद्यावाहिनी में दर्ज उपस्थिति के आधार पर वेतन दिया जायेगा. शिक्षक के जिस दिन की उपस्थिति ई-विद्यावाहिनी में दर्ज नहीं होगी, उस दिन उन्हें अनुपस्थित माना जायेगा. उस दिन के वेतन का भुगतान नहीं किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग 20 हजार शिक्षक ई-विद्यावाहिनी (E-Vidyavahini) के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं करते हैं. बिना जानकारी के लंबी अवधि से गायब शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है. इसके तहत स्पष्टीकरण के साथ-साथ समाचार पत्रों में विज्ञापन भी देने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है. वैसे शिक्षक जिनका वेतन भुगतान रोका गया है या किसी अन्य कारणों से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है, उनके बारे में सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को कारण सहित रिपोर्ट देने को कहा गया है.
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सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि जिला स्तर पर गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति जल्द समाप्त की जाये. गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों के लगाये जाने से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. जिला शिक्षा अधीक्षक को समय पर न्यायालय में प्रति शपथ पत्र एवं कारण पृच्छा दायर करने को कहा गया है.
राज्य में शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति बनाने का निर्देश पहले भी दिया गया है. इसके बाद भी शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बना रहे हैं. अब विभाग ने ऐसे शिक्षकों का जनवरी से वेतन रोकने का निर्णय लिया है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में 115790 शिक्षक कार्यरत हैं. नवंबर में प्रतिदिन औसतन 95727 शिक्षकों ने ही ई विद्यावाहिनी के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थति दर्ज करायी.