झारखंड की राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान स्थित गांधी वाटिका में मंगलवार को विशेष बैठक हुई. इसमें आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि रांची के इर्द-गिर्द अनेक सरना धर्म संगठन होने के बावजूद इनके बीच एकजुटता की कमी खलती है. उन्होंने सभी सरना धर्मावलंबियों से आग्रह किया कि वे सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए 30 जनवरी 2023 को होने वाले राष्ट्रीय रेल-रोड चक्का जाम में सहयोग करें.
सालखन मुर्मू ने कहा कि कुड़मी/कुरमी महतो का एसटी का दर्जा मामला राजनीतिक है. इसके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सबसे ज्यादा दोषी है. उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों की डी-लिस्टिंग अनिवार्य है. आदिवासी महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना जायज है, परंतु गैर आदिवासियों से शादी करने वाली महिलाओं को इससे वंचित रखा जाये.
Also Read: झारखंड में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति पर सालखन मुर्मू ने सत्ता पक्ष और विपक्ष पर साधा निशाना
बैठक में आदिवासी समाज के समक्ष सरना धर्म कोड की मान्यता, कुड़मी महतो को एसटी बनने की कवायद, डी-लिस्टिंग और आदिवासी महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी समेत कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गयी.
बैठक में रांची प्रमंडल के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान की कमेटी का गठन किया गया. इसमें बिरसा उरांव को अध्यक्ष, चेरवा खलखो को महासचिव, चमरू उरांव को कोषाध्यक्ष, रामकृष्ण भगत को उप कोषाध्यक्ष और बंधनी टोप्पो को सचिव नियुक्त किया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रांची प्रमंडल में सेंगेल की जिला कमेटियों के गठन के लिए इन्हें अधिकृत किया है.
Also Read: रांची में बोले सालखन मुर्मू- झारखंड समेत 5 राज्यों में कर देंगे रेल-रोड जाम, ये है पूरा मामला
केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने कहा कि रांची के मोरहाबादी मैदान में 22 दिसंबर को देश-विदेश से लाखों आदिवासी मातृभूमि-मातृभाषा विजय दिवस समारोह में शामिल होंगे. बैठक में देवनारायण मुर्मू, चंद्रमोहन मार्डी, ज्योति मुर्मू, तिलका मुर्मू, बसंती किस्पोट्टा, किरण खलखो, विनोद उरांव आदि उपस्थित थे.