Jharkhand News: जैन समाज के तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ जैन समुदाय आंदोलित है. रविवार को दिल्ली के इंडिया गेट के समक्ष जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इधर, जैन समाज का एआईएमआईएम (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन किया है और झारखंड सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.
सरकार से फैसला वापस लेने की मांग
झारखंड सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने से जैन समाज नाराज है. इसे लेकर देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. एआईएमआईएम (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जैन समाज का समर्थन किया है और झारखंड सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.
We support this Jain community protest and the Jharkhand government must rescind the decision & @CMOGuj must take strong action. https://t.co/Ngcdh88kFS
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 1, 2023
दिल्ली के इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन
झारखंड के गिरिडीह जिला स्थित जैन समुदाय के पवित्र तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ देश के कई शहरों में जैन समाज के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को दिल्ली के इंडिया गेट पर इन्होंने विरोध दर्ज कराया.
Delhi | Members of the Jain community protest at India Gate against the decision of the Jharkhand govt to declare 'sacred' Shri Sammed Shikharji a tourist place pic.twitter.com/6WCKHq3UII
— ANI (@ANI) January 1, 2023
सरकार वापस ले फैसला
जैन समाज ने भी मांग की है कि सम्मेद शिखरजी की पवित्रता को बनाये रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए. सरकार के इस फैसले से जैन समाज की भावना आहत हुई है.
जैन समाज के खिलाफ भड़काने की हो रही साजिश
सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन में शामिल जैन समाज के लोगों की मानें, तो कुछ राजनीतिक लोग अपने स्वार्थ के लिए स्थानीय लोगों को जैन समाज के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं, लेकिन सभी को याद रखना चाहिए कि स्थानीय लोगों की भी आस्था पर्वतराज के प्रति है.
सम्मेद शिखरजी की पवित्रता सुनिश्चत करे सरकार
विश्व जैन समाज के उपाध्यक्ष यश जैन का कहना है कि उन्हें सरकार की ओर से आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस परिणाम चाहिए. केंद्र सरकार नोटिफिकेशन वापस ले व उसमें संशोधन कर सम्मेद शिखरजी की पवित्रता सुनिश्चित करे.