झारखंड : घाट से बालू निकालने की दर 83 रुपये, लेकिन ठेकेदार भर रहे 10 रुपये, खान विभाग को हो रही ये परेशानी

सुखदेव सिंह ने कम राशि कोट करनेवाले ठेकेदारों से रेट जस्टिफिकेशन मांगने, उससे संतुष्ट होने पर एडिशनल बिड सिक्योरिटी लेकर प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 12, 2023 9:44 AM

बालू घाटों के लिए राज्य के 12 जिलों में लगभग 150 घाटों का टेंडर निकाला गया है. खान विभाग ने टेंडर में घाटों से बालू निकालने की दर 83 रुपये प्रति सीएफटी निर्धारित की है. लेकिन, फाइनांशियल बिड में कंपनियों ने 10 से 20 रुपये प्रति सीएफटी की दर भरी है. जिसकी वजह से जिलों में बालू का टेंडर फंसा हुआ है. गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को उपायुक्तों ने इसकी जानकारी दी.

उपायुक्तों ने खान विभाग द्वारा बालूघाटों के लिए तय राशि से इतनी ज्यादा कम राशि पर टेंडर फाइनल करने में आ रही परेशानियों के बारे में बताया. श्री सिंह ने कम राशि कोट करनेवाले ठेकेदारों से रेट जस्टिफिकेशन मांगने, उससे संतुष्ट होने पर एडिशनल बिड सिक्योरिटी लेकर प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी. माॅनसून आने के कम से कम 20 दिन पूर्व टेंडर पूरा करने को कहा, ताकि बालू स्टॉक करने का पर्याप्त समय मिल सके. उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर जिलों को बालू घाटों का टेंडर जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.

उपायुक्तों को अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया :

वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया. कहा कि जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें. जिलों में अवैध खनन के हॉट स्पॉट चिह्नित कर कार्रवाई करें. अब तक दर्ज किये गये एफआइआर पर एक्शन लें. श्री सिंह ने डिस्ट्रिक मिनरल फंड ट्रस्ट (डीएमएफटी) की जानकारी ली.

उनको बताया गया कि डीएमएफटी के तहत जिलों में लगभग 10,696 हजार करोड़ की वसूली हुई है. इसमें से 8,147 करोड़ रुपये की योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है. श्री सिंह ने उपायुक्तों को फंड के अनुरूप योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने को कहा. पूर्व में भी दिये गये इससे संबंधित निर्देशों का अनुपालन रिपोर्ट मांगा.

गैर जरूरी बैंक खातों को बंद करने का निर्देश दिया

मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को गैर जरूरी बैंक खातों को बंद करने का निर्देश दिया. कहा कि बैंकों में सरकार का पैसा बिना काम के नहीं पड़ा रहना चाहिए. उन्होंने उपायुक्तों को जमीन अधिग्रहण से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए म्यूटेशन में समय नहीं लगाने का निर्देश दिया.

कहा कि पथ निर्माण, खान समेत अन्य विभागों की योजनाओं में जमीन अधिग्रहण या म्यूटेशन से संबंधित समस्याओं के लिए किसी भी हाल में विलंब नहीं होना चाहिए. इसके लिए उपायुक्त समय तय कर म्यूटेशन या अन्य समाधान सुनिश्चित करें. मुख्य सचिव ने कृषि ऋण माफी और सुखाड़ राहत योजना के तहत किये गये कार्यों की भी समीक्षा की.

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