सुनील चौधरी, रांची :
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के निर्देश पर राज्यभर के 351 बालू घाटों का टेंडर हो चुका है. घाटों के लिए किये गये जिला सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर) के तहत राज्य में 446 बालू घाट चिह्नित किये गये हैं. टेंडर के बाद 216 घाटों के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआइ) निर्गत किया जा चुका है. पर टेंडर की शर्तों में बेस प्राइस से कम रेट कोट करने वालों को एडिशनल सिक्यूरिटी मनी जमा करना है. इस कारण कई जिलों में इसे जमा करने में चुनिंदा माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) आना-कानी कर रहे हैं. राशि न देने वालों की इएमडी की राशि प्रति घाट 35 लाख रुपये जब्त करने का प्रावधान है. ऐसी चार कंपनी है, जिनकी इएमडी की राशि जेएसएमडीसी ने जब्त कर ली है. इनमें जामताड़ा के पांच घाट, गुमला के दो घाट, सिमडेगा के दो घाट तथा गढ़वा के दो घाटों के लिए एडिशिनल सिक्यूरिटी जमा नहीं किया गया था. अब यहां फिर से टेंडर होगा.
गौरतलब है कि जेएसएमडीसी ने बालू निकासी की न्यूनतम दर 52 रुपये प्रति घनमीटर तय की है. यानी एक घनमीटर बालू निकालने पर एमडीओ को 52 रुपये दिये जायेंगे. पर टेंडर में इससे कम दर डालने वालों के लिए कई शर्तें भी रख दी गयी. शर्तों के तहत 52 से 42 रुपये के बीच दर कोट करने वाले एमडीओ को बालू के कुल रिजर्व के अगले पांच वर्षों का मूल्यांकन करते हुए 20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि एडिशनल सिक्यूरिटी के रूप में एडवांस में देनी होगी. वहीं 31 से 41 के बीच दर कोट करने वालों को कुल रिजर्व का 50 प्रतिशत अतिरिक्त राशि एडवांस में देनी होगी. वहीं 31 रुपये से कम कोट करने पर कुल रिजर्व का 80 प्रतिशत राशि भुगतान करना होगा. इसमें कई जिलों में एक ही कंपनियों ने अलग-अलग घाट हासिल किया है. पर उनके साथ एडिशनल सिक्यूरिटी जमा करने में एक ही साथ बड़ी रकम देनी पड़ रही है. किसी का 10 करोड़ आ रहा है, तो किसी का दो करोड़. राशि जमा नहीं करने पर उनकी इएमडी की राशि जो प्रति घाट 35 लाख रुपये जमा की गयी है, उसे जब्त करने का प्रावधान है. इस कारण जेएसएमडीसी ने 11 घाटों की इएमडी राशि जब्त की है.
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जेएसएमडीसी को बालू घाटों के टेंडर से केवल एडिशनल सिक्यूरिटी के रूप में ही 30 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.
जेएसएमडीसी के एमडी अरवा राजकमल ने कहा कि टेंडर में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए ही एडिशनल सिक्यूरिटी व इएमडी जब्त करने का प्रावधान किया गया है. निगम का प्रयास है कि सबकुछ पारदर्शी तरीके से और फेयर हो, इसके लिए कुछ घाटों के इएमडी की राशि जब्त की गयी है. कंपनियों को मौका भी दिया गया है कि वे राशि जमा करें, जो जमा नहीं करेंगे उनकी इएमडी तो जब्त की ही जायेगी, टेंडर भी रद्द कर दिया जायेगा.