रांची : झारखंड में बालू का अवैध खनन थम नहीं रहा है. आज तक राज्य के सभी बालू घाटों की नीलामी नहीं हो पायी है. राज्य में बालू के अवैध खनन के करीब आधा दर्जन से अधिक मामले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में चल रहे हैं. सबसे अधिक मामले एनजीटी के कोलकाता में चल रहे हैं. इनमें कई ऐसे मामले हैं, जिन पर एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लिया है. एनजीटी प्रदूषण संबंधी नुकसान के मामलों की सुनवाई करता है. किसी एजेंसी, व्यक्ति या संस्था द्वारा शिकायत किये जाने पर भी एनजीटी मामले की सुनवाई करता है.
सरायकेला में बालू अवैध खनन की पुष्टि भी की जांच टीम ने :
दो अप्रैल 2024 को सरायकेला में बालू के अवैध खनन मामले की पहली सुनवाई हुई थी. इसमें झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसकी जांच करने को कहा गया था. जांच में बोर्ड की टीम ने अवैध खनन की पुष्टि की थी. पांच नाव जब्त किये गये थे. इसमें कहा गया था कि ग्रामीणों द्वारा अवैध खनन किया जाता है. गौरीघाट कुचा में बालू जमा पाया गया था. इस मामले में सरायकेला जिला प्रशासन को एक्शन टेकेन रिपोर्ट देने को कहा गया है.
गिरिडीह के सकरी नदी का मामला भी एनजीटी में :
गिरिडीह की सकरी नदी में अवैध खनन के मामले पर भी एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले की पहली सुनवाई 16 मई 2024 को हुई है. इस मामले में एनजीटी ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी है. एक खबर को संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने कहा है कि बालू के अवैध खनन के दौरान छापेमारी की गयी थी. इसमें दो ट्रैक्टर भी जब्त किये गये थे.
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जमशेदपुर के सीमावर्ती घाट पर भी अवैध खनन का मामला :
जमशेदपुर सीमा पर पड़नेवाले कपाली गौरी घाट में भी अवैध बालू खनन का मामला भी चल रहा है. यह मामला दो अप्रैल 2024 को दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि कपाली बालू घाट में औचक निरीक्षण के दौरान बालू खनन की पुष्टि हुई थी. कई सामान जब्त किये गये थे. एनजीटी का कहना था कि रोक के बावजूद बालू कैसे बेचा जा रहा है, इस पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट देनी चाहिए.